एफएटीएफ के इस निर्णय से पकिस्तान को लगा बड़ा झटका

पाकिस्तान को शुक्रवार को एक झटका और लगा जब अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘वित्तीय कार्रवाई त्वरित बल (एफएटीएफ) ने कहा कि आंतकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने संबंधी पाकिस्तान की कार्रवाई की गति सीमित है और इसके कारण उसे लगातार ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा जाएगा।

 

पुलवामा हमले के बाद भारत की पाकिस्तान पर नकेल कसने की कार्रवाई के बीच एफएटीएफ के इस बयान को भारत की एक और जीत के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय एजेंसियों ने एफएटीएफ से आग्रह किया था कि पाकिस्तान को किसी तरह की राहत न दी जाए।

एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जनवरी 2019 तक की अवधि में कार्रवाई में सीमित प्रगति के कारण पाकिस्तान से आग्रह है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई योजना को जल्दी पूरा करे। एसटीएएफ ने इसके लिए मई 2019 की समय सीमा तय की गयी है।” एसटीएएफ ने बयान में समयसीमा का पालन करने और दोबारा चूक करने की गलती न करने की हिदायत देते हुए कहा कि इसी वर्ष जून और अक्टूबर में फिर से इसकी समीक्षा की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि भारत पाकिस्तान को ईरान और उत्तर कोरिया की तरह एफएटीए की ‘ब्लैक लिस्ट’ में डलवाने के प्रयास कर रहा है। ‘ब्लैक लिस्टेड’ होने पर कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान को और अधिक आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।