एक नजर में अनंत कुमार का सियासी सफर

केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता अनंत कुमार का सोमवार को निधन हो गया. 59 साल के अनंत कुमार पिछले काफी समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. बीते 20 अक्टूबर को उन्हें बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.

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अनंत कुमार शुरुआत से ही बीजेपी से जुड़े हुए थे. वह बीजेपी के उन चुनिंदा नेताओं की लिस्ट में शामिल थे, जिन्हें साउथ से लेकर नॉर्थ तक की पॉलिटिक्स में पसंद किया जाता था. अनंत कुमार को पॉलिटिकल मैनेजमेंट का माहिर खिलाड़ी माना जाता था, यही वजह थी कि उन्हें मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा दिया गया था.

  • अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को कर्नाटक के बेंगलुरु में हुआ था
  • कर्नाटक यूनिवर्सिटी के केएस आर्ट्स कॉलेज से बीए किया
  • जेएसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की
  • देश में इमरजेंसी लगने के दौरान (1975-77) जेपी मूवमेंट में शामिल रहे, इस दौरान वह करीब 40 दिन तक हिरासत में भी रहे
  • साल 1982 से 1985 तक वह कर्नाटक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सचिव रहे
  • 1987-88 में वह कर्नाटक बीजेपी के सचिव बने
  • 1988-95 तक वह कर्नाटक बीजेपी में महासचिव के पद पर रहे
  • साल 1996 में उन्होंने बेंगलुरु साउथ सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता
  • साल 1998 में वह दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीते
  • मार्च 1998-अक्टूबर 1999 तक वह यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर, सिविल एविएशन रहे
  • साल 1999 में वह तीसरी बार सांसद चुने गए
  • फरवरी 2000- सितंबर 2000 तक यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर, टूरिज्म एंड कल्चर रहे
  • 26 जून 2003 को कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बने
  • साल 2004 में चौथी बार लोकसभा सांसद चुने गए
  • नवंबर 2004 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए
  • साल 2009 में पांचवी बार लोकसभा सांसद चुने गए
  • साल 2014 में छठवीं बार लोकसभा सांसद चुने गए