यहां एक तरफ ईसाई समुदाय क्रिसमस का जश्न मना रहा था। वहीं दूसरी तरफ आदिवासी परिवारों के पुनः हिन्दू बनने का प्रोग्राम चल रहा था। आदिवासी इलाकों में बड़ी संख्या में चल रहे ईसाई मिशनरियों के धार्मिक सम्मेलनों के समक्ष अब हिंदू धर्म जागरूकता अभियान खड़े हो गए हैं। इसके साथ ही ईसाई मिशनरियों के प्रत्येक गांव में गांव मिशनरीज प्रवृत्तियों के उत्तर में हिन्दू धार्मिक संस्थाओं ने हनुमानजी का मंदिर बनाना भी प्रारम्भ किया है। ईसाई मिशनरीज के विरूद्ध घर वापसी अभियान के तहत ही वलसाड में यह भव्य प्रोग्राम संपन्न किया गया है।
स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों ने फूल-माला पहनाकर सभी आदिवासी परिवारों का स्वागत किया है। स्वामी नारायण संप्रदाय के स्वामी ने बोला है कि विभिन तरीके के लालच वप्रलोभन देकर निर्मल व बेगुनाह लोगों को बरगलाकर कर ईसाई बना दिया गया था। लेकिन अब वे सारे लोग हिन्दू धर्म में ही रहने की ख़्वाहिश रखते हैं। हम इनसे आशा करते हैं कि आगे ये किसी व के बहाकावे में नहीं आएंगे। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि कपराड़ा में ईसाई मिशनरीज द्वारा आदिवासियों के धर्म बदलाव कराने को लेकर अनेक बार हंगामा हुआ है, साथ ही कई बार बवाल भी हुआ है।