इस कारण पाकिस्तानी सेना के ये पूर्व अधिकारी भारत में बिछा रहें आतंक का जाल, अब भारत…

भारत में आतंक का जाल बिछाने के लिए अब पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी भी आईएसआई और आतंकी संगठनों के साथ आ रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और रॉ के सूत्रों का कहना है कि इस बार कई ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि पाक आर्मी के पूर्व अधिकारी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग की मदद से कश्मीर में आतंक का जाल बिछा रहे हैं। भारत जल्द ही ऐसे तमाम सबूत एकत्रित कर पाकिस्तान को एक और डोजियर सौंपेगा।

एनआईए ने एक दिन पहले कश्मीरी महिला अलगाववादी समूह ‘दुख्तरान-ए-मिल्लत’ की प्रमुख आसिया अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। जांच एजेंसी ने पूछताछ शुरू करने से पहले अंद्राबी, सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन को लेकर काफी सबूत जुटा लिए हैं। चूंकि ये तीनों 16 जून तक एनआईए की हिरासत में हैं, इसलिए एक-एक सबूत इनके सामने रखा जाएगा। जांच एजेंसियों ने कई ऐसे सैटेलाइट फोन का पता लगाया है, जिनके द्वारा पाकिस्तान में आईएसआई और आर्मी के पूर्व अफसरों के साथ बातचीत की जाती रही है। ऐसे दर्जनभर फोन कश्मीर घाटी में मौजूद हैं।

सूत्र बताते हैं कि अभी तक फोन टेपिंग से जो डिटेल सामने आए हैं, उसमें पाक आर्मी के सात पूर्व अफसरों का नाम शामिल है। इनकी बातचीत में पाकिस्तानी दूतावास के कथित अधिकारियों और कर्मियों का नाम भी सामने आया है। इतना ही नहीं, भारतीय जांच एजेंसियों को कुछ ऐसे वीडियो भी मिले हैं, जिनमें कश्मीर घाटी के सैन्य प्रतिष्ठानों की जानकारी है। अंद्राबी और उसके कई सहयोगी पाक समर्थित आतंकी समूहों के नेटवर्क को आगे बढ़ा रही थी। जांच अधिकारियों का कहना है कि तीनों आरोपियों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अदालत में जो चार्जशीट पेश की जाएगी, उसमें पाकिस्तानी आर्मी के पूर्व अफसरों और उच्चायोग के अधिकारियों के नाम भी शामिल रहेंगे।
इस तरह आगे बढ़ता है आतंक का नेटवर्क
जम्मू कश्मीर में शुक्रवार की नमाज के बाद सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाने का जो खेल चलता रहा है, उसके लिए पाकिस्तान और दुबई से आर्थिक मदद पहुंचाई जाती है। प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट में ये सब साबित हो चुका है। पत्थरबाजों के अलावा आतंकी संगठनों को जो रुपया-पैसा मिल रहा है, वह भी सीमा पार से आता है। आतंक फैलाने के लिए भेजी जा रही इस आर्थिक मदद में पाकिस्तान के आतंकी संगठन, आईएसआई और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास शामिल है।

प्रवर्तन निदेशालय व दूसरी जांच एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में बैठे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के गुर्गों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे संगठनों की संपत्ति जब्त की जा रही हैं। ईडी ने पिछले दिनों अहमद शाह वटाली की 6.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। कश्मीर में कथित तौर पर अलगाववादी और हुर्रियत के नेताओं द्वारा आतंकियों की मदद करने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं।

ईडी ने गुरुग्राम में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा एक विला जब्त कर लिया था। इसकी कीमत 1.03 करोड़ रुपये बताई गई है। यह विला भी श्रीनगर के कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली के नाम पर है। जांच एजेंसी के मुताबिक, हाफिज सईद ने वटाली को फंड दिया था।

बता दें कि ‘हिज्बुल मुजाहिदीन कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय आतंकी संगठन है। यह संगठन न केवल आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अलगाववादी गतिविधियों को भी तेजी से फैलाने में मदद करता है। इसका सरगना सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता है। वह जकार्त (जम्मू एंड कश्मीर अफेक्टीस रिलीफ ट्रस्ट) की आड़ में आतंकवाद के लिए फंड देता है।