इस कारण जम्मू कश्मीर में हुआ दो दिन बंद का आह्वान, नहीं है हिंसा और तनाव की स्थिति

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अनुच्छेद 35A पर सुनवाई होनी है, जिसके खिलाफ हुर्रियत नेताओं ने जम्मू कश्मीर में दो दिन के बंद का आह्वान किया है। घाटी में किसी भी तरह की कोई हिंसा और तनाव की स्थिति पैदा न हो इसी को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

राजधानी श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई व इंटरनेट सेवाओं को भी रोक दिया गया है। घाटी में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां यानी 10 हजार जवानों की तैनाती की गई है। सेना और पुलिस हर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। हालांकि, गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त बलों की तैनाती को चुनाव पूर्व तैयारी से संबद्ध एक नियमित अभ्यास बताया है।

बता दें कि धारा 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं व स्थानीय निवासियों को विशेष अधिकार मिले हुए है। वहीं इन सब में अलगाववादी नेता ये कतई नहीं चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर से ये धारा समाप्त की जाए।

इसी के चलते अलगाववादियों के संगठन ‘ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप’ (JRL) ने रविवार को घाटी में बंद बुलाया है। JRL ने कहा, “मनमाने ढंग से की गई गिरफ्तारियों, रात में छापेमारी, राज्य में दमन, हत्या और सेंसरशिप के कारण लोगों के बीच असुरक्षा और अनुच्छेद 35-ए के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ के विरोध में 24 फरवरी को हड़ताल की जाएगी।”