ट्राई व एप्पल के बीच क्या था विवाद
दरअसल यह टकराव ट्राई की अनचाही कॉल्स रोकने वाले ऐप को ऐप स्टोर पर स्थान देने को चल रहा था. ट्राई की तमाम कोशिशों के बावजूद ऐप्पल ने उपभोक्ताओं के डाटा की सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे अपने एप स्टोर में स्थान नहीं दे रहा था. वहीं कुछ महीने पहले ही सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) राजन मैथ्यूज ने बोला था कि अगर 6 महीने में कंपनी इस ऐप को स्थान नहीं देती है, तो ट्राई ऑपरेटर्स पर नेटवर्क पर आईफोन बंद करने का दबाव बना सकता है.
नए नियम से दबाव में सेवा प्रदाता
मैथ्यूज ने बोला कि नए नियमों से सेवा प्रदाताओं पर दबाव रहेगा. उन्होंने बोला कि फिल्हाल दूरसंचार कंपनियों के लिए लागत बड़ा मुद्दा है, जिस पर विमर्श चल रहा है. ट्राई ने ब्लॉकचेन तकनीक अपनाने को बोला है, जबकि किसी भी दूरसंचार कंपनी ने अब तक महंगी ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने पर सहमति नहीं दी है.
50 हजार से 50 लाख तक जुर्माना
ट्राई ने इस मामले में नियम नहीं मानने पर सेवा प्रदाता पर 1,000 रुपये से लेकर 50,00,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है. ऐसे में दूरसंचार कंपनियों के लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई है. यही वजह है कि सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां एक होकर सीओएआई के जरिये विरोध दर्ज करा रही हैं.