इलेक्शन कमीशन ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम के मददेनज़र किया ये अहम ऐलान

इलेक्शन कमीशन ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम के मददेनज़र कई अहम ऐलान किए. जिसमें सबसे घोषणा यह की गई है कि आपराधिक छवि वाले कैंडिडट को अपने खिलाफ चल रहे मामलों की जानकारी तीन बार विज्ञापन देकर प्रकाशित करानी होगी.

इससे आपराधिक छवि वाले कैंडिडट के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. जिससे जनता को सही फैसला करने में मदद मिल सकेगी. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक चुनावों में इस बार आपराधिक रिकॉर्ड वाले कैंडिडेट को नामाकंन करने के बाद अपने आपराधिक मामलों का विज्ञापन देना होगा.

आपराधिक छवि वाले सभी कैंडिडट को ये विज्ञापन बड़े सर्कुलेशन वाले अखबारों में ही देना होगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के संविधान पीठ के फैसले को ध्यान में रखते हुए जारी किया है.

इस बार चुनाव में मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीन युक्त ईवीएम का इस्तेमाल की जाएंगी. वीवीपैट की मदद से मतदाता को उसके मतदान की पर्ची देखने को मिलती है. आयोग ने कहा कि वीवीपैट और ईवीएम से मिलान का कार्य पहले की तरह ही होगा.

इसकी के साथ सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों को प्रचार की छूट होगी. लेकिन इन विज्ञापनों के लिए ये आयोग की मंजूरी जरूरी होगी. वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार फेक न्यूज, विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया और इंटरनेट पर कड़ी नजर रखी जाएंगी.

जबकि सभी राजनीतिक दलों और कैंडिडेट के सोशल मीडिया पर दिए गए विज्ञापनों को उनके खर्च में शामिल किया जाएगा. फेसबुक, गूगल ने भी चुनाव को ध्यान में रखते हुए कहा है कि किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन को सही तरीके से प्रमाणित करने के बाद ही पोस्ट किया जाएगा.