इस्लामिक स्टेट में शामिल हुई शमीमा बेगम के नवजात बेटे की निमोनिया से हुई मौत

ब्रिटेन से भागकर इस्लामिक स्टेट में शामिल हुई शमीमा बेगम के नवजात बेटे ने सीरिया के शरणार्थी शिविर में दम तोड़ दिया है। अमेरिका समर्थित एसडीएफ बलों ने शुक्रवार को कहा कि शमीमा के दो सप्ताह के बेटे जर्राह के चिकित्सा प्रमाणपत्र के मुताबिक निमोनिया से उसकी मौत हो गई है। एडीएफ बल उस जगह शिविर चला रहे हैं, जहां 19 वर्षीय शमीमा शरण लिये हुए है।

शमीमा जब सीरिया गई थी तो 15 साल की थी लेकिन अब उसका वहां से मोहभंग हो गया है। वह वापस ब्रिटेन लौटना चाहती है। अब वह 19 साल की है। इससे पहले युद्ध की खबर देने वाले एक संवाददाता ने शरणार्थी शिविर में उसका पता लगाया था और देखा था कि वह गर्भवती है और अपने अजन्मे बच्चे की सुरक्षा के लिए युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए परेशान है। उसके परिवार ने रविवार को बताया कि उन्हें सूचना दी गई कि बच्चे ने जन्म ले लिया है। उनके परिवार के वकील ने बयान जारी कर बताया था कि शमीमा बेगम ने एक बच्चे को जन्म दिया और मां-बच्चा दोनों ठीक हैं।

परिवार के वकील मोहम्मद तस्नीम अकुन्जी ने बीबीसी को बताया कि इससे पहले बेगम के दो बच्चों की मौत की वजह से उनका परिवार इस बच्चे की सेहत को लेकर बहुत चिंतित था और चाहता था कि दोनों ब्रिटेन लौट आएं, लेकिन एक बार फिर उसके नवजात की मौत हो गई है।