अक्तूबर में जहां इस योजना के तहत भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या रोजाना 2,000 से 5,000 के बीच थी वहीं अब यह संख्या बड़ 10,000 रोजाना हो गई है. आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर के मुकाबले भर्ती होने वाले मरीजों में 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 23 सितंबर को इस योजना का शुरुआत किया गया था. तब से अबतक 6.73 लाख मरीजों ने योजना का फायदा उठाया है.
उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड जैसे राज्यों जहां सेहत सेवा का बुरा हाल है, यहां भर्ती होने वालों की संख्या में बहुत ज्यादा उछाल आया है. उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने के दौरान इस योजना के तहत भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 70 प्रतिशत बढ़ गई है. झारखंड में 67 फीसद व बिहार में 50 फीसद इजाफा हुआ है.
यह आंकड़े इसलिए भी मायने रखते है क्योंकि व्यक्तिगत अस्पतालों में मिलने वाले महंगे उपचार के कारण सेहत सेवाएं अब तक गरीब तबके से दूर थी. अधिकारियों ने बताया कि डेंटल सर्जरी व सामान्य उपचार लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं पिछले एक महीने के दौरान तृतीय श्रेणी की बिमारियों का उपचार करने वालों में भी बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है.
आयुष्मान हिंदुस्तान के उप मुख्य कार्यकारी दिनेश अरोड़ा ने कहा, ‘आशा व डाक विभाग के जरिए पीएम ने 7.5 करोड़ से ज्यादा लेटर बांटे हैं. जागरुकता फैलाने के कारण ज्यादातर लोग इस योजना का फायदा उठा रहे हैं. यह आंकड़े लगभग 30 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंच गए हैं. जैसे-जैसे लोग योजना को लेकर जागरुक होंगे वैसे-वैसे यह मजबूत होती जाएगी.‘ डाटा के अनुसार 65 फीसदी लाभार्थियों को व्यक्तिगत अस्पतालों में उपचार मिला है.