अलगाववादी नेता मीरवाइज से एनआईए ने की आठ घंटे तक पूछताछ

टेरर फंडिंग से जुड़ी जांच के सिलसिले में कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने पेश हुए. एनआईए ने मीरवाइज से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की. जांच एजेंसी ने उनसे मंगलवार को भी पूछताछ करेगी. मीरवाइज के साथ तीन  अलगाववादी नेता अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन मौलाना अब्बास अंसारी से भी पूछताछ की गई. जांच एजेंसी को इन नेताओं को श्रीनगर से दिल्ली पहुंचने पर ठोस सुरक्षा देना पड़ी. मीरवाइज इससे पहले दो मौकों पर सुरक्षा कारणों से दिल्ली नहीं आए थे.
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज से सोमवार को आठ घंटे पूछताछ की गई. इस दौरान उनसे टेटर फंडिंग से जुड़े कई सवाल पूछे गए. उन्हें मंगलवार को भी एजेंसी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है. मीरवाइज के अतिरिक्त सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी को भी मंगलवार को पेश के लिए समन भेजा है. इससे पहले एजेंसी ने मीरवाइज को 11  18 मार्च को दिल्ली आने के लिए समन भेजा था.

मीरवाइज यह कह कर नहीं आए थे कि घाटी के दशा के मद्देनजर दिल्ली में उनकी सुरक्षा को खतरा है. उन्होंने श्रीनगर में रहते हुए एनआईए की जांच में योगदान का वादा किया था. बाद में एनआईए ने बोला कि वह 8 अप्रैल को दिल्ली आएं  उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी. एनआईए कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के अतिरिक्त सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी, स्कूल इमारतों के जलाए जाने  सरकारी इमारतों के नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाओं में फंडिंग करने वालों  मनी ट्रेल की जांच कर रही है.

इन मामलों में लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन  जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाक समर्थित संगठनों के नाम हैं. इसके अतिरिक्त अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी  उनसे जुड़े लोगों की भी जांच की जा रही है. जांच एजेंसी के मुताबिक, घाटी में इन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इन संगठनों  लोगों की मदद से सुनियोजित तरीके से पैसे पहुंचते हैं.एनआईए में पेशी से एक दिन पहले इन अलगाववादी नेताओं ने मीटिंग बुलाई  मीरवाइज को समन किए जाने का विरोध किया था. इनका मानना है कि केंद्र राजनीतिक फायदे के लिए अलगाववादी नेताओं को जानबूझकर कठघरे में खड़ा कर रहा है.