1528
बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ. बाबर ने अयोध्या में ये निर्माण ऐसी स्थान कराया जिसे हिंदू राम जन्म भूमि मानते हैं.
1853
पहली बार यहां हिंसक सांप्रदायिक प्रयत्न हुआ. यह हिंसा इसलिए हुई क्योंकि मंदिर के ऊपर मस्जिद का निर्माण किया गया था. हिंदुओं का आरोप था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई. पहला हिंदू-मुस्लिम प्रयत्न हुआ.
1859
ब्रिटिश गवर्नमेंट ने विवादित भूमि को बांटकर आंतरिक व बाहरी परिसर बनाए.
1949
वर्ष 1949 को आकस्मित से मस्जिद के अंदर राम लला की मूर्ति आ गई. जहां हिंदू प्रार्थनाएं करने लगे. लोकल मुस्लिमों ने इस बात का विरोध किया व दोनों समुदायों ने मुकदमा दर्ज कराया. सिटी मजिस्ट्रेट ने भूमि जब्त की व गेट बंद किए लेकिन प्रार्थनाएं चलती रहीं.
1959
ब्रिटिश गवर्नमेंट ने विवादित भूमि को बांटकर आंतरिक व बाहरी परिसर बनाए.
1950
16 जनवरी को एक अपील में मूर्ति को विवादित स्थल से हटाने से न्यायिक रोक की मांग.
1950
5 दिसंबर को मस्जिद को ढांचा नाम दिया गया व राममूर्ति रखने के लिए केस किया.
1959
17 दिसंबर को निर्मोही अखाड़ा टकराव में कूदा, विवादित स्थल के लिए मुकदमा दायर.
1961
18 दिसंबर को सुन्नी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मालिकाना हक के लिए केस किया.
1986
फैजाबाज सेशंस जज ने हिंदुओं को मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी.
नवंबर 9, 1989
पीएम राजीव गांधी ने अविवादित जगह पर शिलान्यास की इजाजत दी.
1990
बीजेपी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी रथ यात्रा में निकले को बिहार के समस्तीपुर में अरैस्ट किए गए. हजारों कार सेवक अयोध्या में एकत्रित हुए. मस्जिद में तोड़फोड़ हुई व पुलिस फायरिंग में 30 लोगों की मौत हुई.
1991
अक्टूबर में कल्याण सिंह गवर्नमेंट ने विवादित एरिया को कब्जे में ले लिया.
1992
6 दिसंबर को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहाया गया व एक अस्थाई मंदिर बना. पूरे हिंदुस्तान में दंगे हुए व 1200 लोगों की मौत हुई.
1992
16 दिसंबर को तोड़फोड़ की जांज के लिए एस। एस। लिब्रहान आयोग का गठन हुआ.
अप्रैल, 2002
इलाहाबाद न्यायालय के तीन जजों ने सुनवाई प्रारम्भ की.
अगस्त, 2003
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने दावा किया कि उन्हें मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष मिले हैं.
2005
जुलाई में विवादित एरिया पर इस्लामिक आतंकियों का हमला, पांच आतंकवादी मारे गए.
2009
जुलाई में पीएम मनमोहन सिंह को को लिब्रहान आयोग ने रिपोर्ट सौंपी.
सितंबर 2010
28 सितंबर को विवादित मामले में निर्णय देने से रोकने वाली याचिका सुप्रीम न्यायालय ने खारिज की.
30 सितंबर, 2010
इलाहाबाद उच्च कोर्ट की लखनऊ पीठ ने मामले में ऐतिहासिक निर्णय दिया. इलाहाबाद हाई न्यायालय का निर्णय आया. जजमेंट 2-1 से आया. विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटा गया. जहां रामलला विराजमान हैं वह व आसपास की जमीन राम मंदिर को. एक तिहाई सुन्नी वक्फ बोर्ड को व एक तिहाई जमीन निर्मोही अखाड़ा को.
मई, 2011
सुप्रीम न्यायालय ने न्यायालय के निर्णय को निलंबित किया.
मार्च 21, 2017
सुप्रीम न्यायालय ने मामले में मध्यस्थता की पेशकश की.
19 अप्रैल 2017
सुप्रीम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित भाजपा व आरएसएस के कई नेताओं के विरूद्ध आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया.
दिसंबर 5, 2017
सुप्रीम न्यायालय ने 2010 के इलाहाबाद न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई का निर्णय किया.
29 अक्टूबर, 2018
सुप्रीम न्यायालय ने अयोध्या टकराव पर होने वाली सुनवाई जनवरी 2019 तक टाल दी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने यह स्पष्ट किया कि अयोध्या मामले में तुरंत सुनवाई नहीं होगी.