जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने आलोचना की है. पाकिस्तान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने मंगलवार को संयुक्त संसदीय सत्र बुलाया. इसके लिए राष्ट्रपति ने समन जारी किया. पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, इमरान सरकार कश्मीर मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) जा सकती है. साथ ही पाक कश्मीर मामले को अमेरिका के सामने भी उठाएगा
इमरान ने अनुच्छेद 370 समाप्त करने के निर्णय को अवैध व यूएन के प्रस्ताव का उल्लंघन बताया. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान के इस कदम से दो परमाणु पड़ोसी राष्ट्रों के बीच संबंध बहुत ज्यादा ज्यादा बेकार हो सकते हैं. इससे पहले इमरान की विशेष सहयोगी फिरदौस आशिक अवान ने बोला कि वह कूटनीतिक व सियासी ढंग से कश्मीरियों का समर्थन करते रहेंगे. कश्मीर के लोग संयुक्त देश सुरक्षा परिषद में जाएं.
पाक विदेश मंत्रालयनेकहा कि जम्मू और कश्मीर एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र है. हिंदुस्तान सरकार इस विवादित प्रदेश को लेकर एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता. किसी भी निर्णय के लिए संयुक्त देश सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में प्रस्ताव रखना चाहिए. यह निर्णय कभी भी जम्मू और कश्मीर व पाक को स्वीकार नहीं होगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्डट्रम्प ने 22 जुलाई को इमरान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. इस पर इमरान ने बोला था कि अगर आप ऐसा करा सके, तो अरबों लोग आपको दुआ देंगे. इसके एक घंटे बाद ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के दावे को नकार दिया था. मंत्रालय ने बोलाथा कि मोदी व ट्रम्प के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई. पाक के साथ सारे मसले द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही हल किए जाएंगे.
पाकिस्तान लगातार कश्मीर में हिंसा फैलाने की प्रयास व एलओसी पर युद्ध विराम उल्लंघन करता रहा है. हाल ही में इंडियन आर्मी ने एलओसी पर पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के सैनिक/आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम किया. जवाबी कार्रवाई में बैट के करीब 5 से 7 सैनिक/आतंकी भी मारे गए. खुफिया विभाग ने हाल ही में अलर्ट जारी किया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर में धमाकों की साजिश कर रहा. इसके लिए जैश के 15 आतंकवादी एलओसी के समीप सक्रिय हुए हैं.