अभी – अभी ओवैसी पहुचें बंगाल, मुस्लिमों ने शुरू किया…, ममता बनर्जी की बढ़ी चिंता

बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी को बड़ी संख्या में TMC के वोट मिलते हैं. इस के बाद कांग्रेस का नंबर आता है. बिहार में मुस्लिम मतदाताओं के बीच AIMIM का उभार ममता बनर्जी के चिंता का सबब है. बंगाल में तीन जिले ऐसे हैं, जहां मुस्लिम वोटर 50 फीसदी से भी अधिक है, जबकि कई जिलों में 25 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी है.

10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ओवैसी ने कहा था कि वे बंगाल का चुनाव लड़ेंगे, क्या करेगा कोई. दरअसल ओवैसी की ये प्रतिक्रिया तब आई थी जब उन पर महागठबंधन की ओर से आरोप लगाया गया था कि उनकी वजह से बिहार में मुस्लिम वोट बंटे और महागठबंधन के उम्मीदवारों की हार हुई. इस पर ओवैसी ने कहा कि अगर ये बात है तो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के चुनावों में कांग्रेस की हार क्यों हुई.

हाल में ओवैसी ने पश्चिम बंगाल से आए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की थी और चुनाव पर तैयारियों पर चर्चा की थी. बिहार चुनाव के नतीजों के बाद ही ओवैसी ने ही ऐलान कर दिया था कि उनका अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 30 फीसदी है.

बिहार चुनाव में सफलता हासिल करने के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की नजरें अब बंगाल विधानसभा चुनाव पर हैं और ओवैसी रविवार की सुबह बंगाल पहुंच गए हैं. सुबह वह हैदराबाद से विमान से कोलकाता पहुंचें.

कोलकाता पहुंचने के साथ ही वह सीधे हुगली में फुरफुरा शरीफ में पीर की दरगाह पर पहुंच गए. वहां दुआएं मांगीं और वहां अब्बास सिद्दिकी के साथ मुलाकात और बैठक की और बंगाल की स्थिति को समझने की कोशिश की.

अब्बास सिद्दिकी भी बंगाल में चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. उनका मुस्लिम समाज में काफी प्रभाव माना जाता है. बता दें कि बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव है. इस चुनाव को लेकर AIMIM चीफ ओवैसी ने अब अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.