हीमोफीलिया (Haemophilia) बीमारी का नाम तो आपने सुना ही होगा। खून से जुड़ी इस बीमारी का टेस्ट बहुत ज्यादा महंगा होता है, जो कि आमतौर पर 4 से 10 हजार रुपये तक में होती है।
लेकिन अब इसकी महंगी जाँच से छुटकारा मिलेगा व यह टेस्ट सिर्फ 50 रुपये या इससे भी कम में हो सकेगा। इसकी जाँच के लिए भारतीय काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पहली बार रैपिड डायग्नोस्टिक किट तैयार की है। इस किट से हीमोफीलिया-ए व खून से जुड़ी अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए हिंदुस्तान में संसारका सबसे सस्ता टेस्ट हो सकेगा। आईसीएमआर ने इस किट का पेटेंट भी हासिल कर लिया है।
स्पेशल पेपर से बनी है यह किट
इस किट को स्पेशल पेपर से बनाया गया है। इसे यूज करने के लिए किसी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर व स्पेशलिस्ट की आवश्यकता नहीं होगी। रोगी किसी भी प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर में हीमोफीलिया की जाँच कराई जा सकेगी। इस किट में पेपर पर डालने के कुछ देर बाद रिजल्ट मिल जाएगा। पिछले दिनों आए एक आंकड़े के अनुसार देशभर में हीमोफीलिया के मरीजों की संख्या 1 लाख से ऊपर है।
हीमोफीलिया रोगी को होती है यह समस्या
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें हीमोफीलिया के रोगी को खून का थक्का नहीं बनता। इस बीमारी से ग्रस्त रोगी ब्लीडिंग तमाम प्रयास के बाद भी नहीं रुकती। सामान्य आदमी के शरीर के किसी हिस्से में चोट लगने या कटने पर कुछ देर बाद खून का थक्का बन जाता है व ब्लीडिंग रुक जाती है। लेकिन हीमोफीलिया के रोगी की ब्लीडिंग नहीं रुकती। इसलिए इस बीमारी का समय से पता चलना महत्वपूर्ण है। कई बार लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती व वो इसका शिकार हो जाते हैं।
हीमोफीलिया के लक्षण
– नाक से लगातार खून बहते रहना।
– मसूड़ों से खून निकलना।
– स्कीन सरलता से छिल जाती है।
– शरीर में आंतरिक रक्तस्राव के कारण जोड़ों में दर्द होता रहता है।
– हीमोफीलिया में सिर के अंदर भी रक्तस्राव होने से तेज सिरदर्द, गर्दन में अकड़न रहती है।
– शरीर पर नीले निशानों का बनना, आंख के अंदर खून का निकलना व उल्टी आना सामान्य बात है।