अब किसानो के साथ मोदी सरकार करेगी ये काम, रोज होगी 490 रुपये की बचत

दिसंबर 2018 में आगरा के नंगला नाथू गांव निवासी आलू उत्पादक किसान प्रदीप शर्मा का दर्द सोशल मीडिया पर छाया हुआ था वो दर्द था 19 टन आलू बेचने के बाद 490 रुपये की बचत का

आगरा से फर्रुखाबाद तक आलू किसानों की कमोबेश यही हालात है कई बार तो दाम इतना गिर जाता है कि वे कोल्ड स्टोर से आलू निकालते तक नहीं यह कठिनाई सिर्फ आलू किसानों तक ही सीमित नहीं है प्याज, टमाटर किसानों का ये दर्द किसी से छिपा नहीं है लेकिन अब मोदी सरकार ने किसानों को इस दशा से बचाने के लिए एक रास्ता निकाल लिया है उस रास्ते पर अगर सभी प्रदेश चल पड़ें तो किसानों का दाम मिलने से संबंधित जोखिम जीरो हो जाएगा इसके लिए सरकार ने कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट (Contract Farming Act 2018) बनाया है

निजी कंपनियां बुवाई के समय ही किसानों से एग्रीमेंट कर लेंगी कि वह फसल किस रेट पर लेंगी रेट पहले ही तय हो जाएगा ऐसे में किसान लाभ देखकर दाम बताएगा कांट्रैक्ट करने वाली कंपनी को उसी रेट पर फसल खरीदना पड़ेगा जितने दाम पर होगा कांट्रैक्ट उतना तो किसान को मिलेगा ही अगर दाम बहुत कम रेट पर तय हुआ  फसल पैदा होने के बाद मार्केट में उसके रेट में बहुत ज्यादा तेजी आ गई उस दशा में जो टकराव पैदा होगा उसके निपटारे के लिए भी सरकार ने प्रावधान किया है

हिंदी से वार्ता में फामर्स इनकम डबलिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ अशोक दलवाई ने बोला कि खेती-किसानी में जोखिम ही जोखिम है किसान हमेशा इस बात की चिंता में घिरा रहता है कि वो जो फसल उगा रहा है उसका उचित दाम मिलेगा या नहीं कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट इस जोखिम को जीरो कर देता है इसलिए जल्द से जल्द सभी राज्यों को इसे लागू कर देना चाहिए इसमें किसानों के हित का पूरा ध्यान रखा गया है सरकार उनके साथ खड़ी है

नए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं प्रदेश मंत्री कैलाश चौधरी ने अधिकारियों के साथ इस एक्ट पर समीक्षा मीटिंग की है ताकि किसानों को लाभ मिल सके किसानों की आय बढ़ाने का यह एक्ट बड़ा माध्यम होने कि सम्भावना है क्योंकि किसान अपनी किसी फसल से मिलने वाली रकम को लेकर निश्चिंत होगा कांट्रैक्ट खेती में किसान के साथ करार करने वाली व्यक्तिगत कंपनी या आदमी के अतिरिक्त सरकारी पक्ष भी होगा, जो कृषक के हित का ख्याल रखेगा