अपराधियों पर लगाम कसने के लिए योगी सरकार बनाने जा रही ये नया कानून , जानिए पूरी खबर…

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा लाया जा रहा किराएदारी कानून और बनने जा रहे किराए प्राधिकरण से अब ऐसी घटनाओं पर नकेल कसेगी. मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद तो जगजाहिर है लेकिन सरकार के द्वारा लाए जा रहे इस नए कानून से अपराध और आतंक का भी सफाया होगा.

वैसे ही तमाम अपराधिक घटनाएं शूटरों के जरिए हुई सुपारी किलिंग, अपहरण, रंगदारी वसूली, की घटनाएं भी किराए के मकान में छिपकर रह रहे अपराधियों ने अंजाम दी लेकिन उत्तर प्रदेश में अब किराए का मकान लेकर कोई भी गैर कानूनी गतिविधि को अंजाम देना आसान नहीं होगा.

19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ समेत तमाम शहरों में हुए सीएए, एनआरसी के हिंसक प्रदर्शन के पीछे पीएफआई का कनेक्शन उजागर हुआ. गिरफ्तारियां हुई तो सामने आया कि पीएफआई के तमाम पदाधिकारी किराए के मकान से संगठन चला रहे थे.

यानी आतंकी संगठन किराए के मकान में छिपकर ना सिर्फ आतंकी वारदातों की साजिश रच रहे हैं बल्कि उन को अंजाम देने के लिए साजो सामान भी इकट्ठा करते हैं.

मार्च 2017 में लखनऊ के काकोरी इलाके में खुरासान मॉड्यूल के आतंकी सैफुल्ला के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पता चला कि कानपुर का रहने वाला आतंकी सैफुल्ला भी कंप्यूटर कोर्स करने के नाम पर किराए का मकान लेकर रह रहा था और उसके कई मददगार उसके पास मिलने रुकने आते रहे.

2006 का अयोध्या हमला हो, वाराणसी का संकट मोचन ब्लास्ट या फिर कचहरी सीरियल ब्लास्ट, यह वह वारदातें हैं जिनको आईएसआई और सिमी से पनपे आतंकी संगठनों ने उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया.

जांच की गई तो पता चला घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकियों ने इन शहरों में किराए के मकान को अपना अड्डा बना रखा था. सितंबर 2014 में बिजनौर के जाटान मोहल्ले में हुआ धमाका और फिर सिमी के आतंकियों की तेलंगाना में मुठभेड़ ने भी इस बात को पुख्ता किया.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गुंडे, माफियाओं, अपराधियों और आतंकी संगठनों को प्रदेश से उखाड़ फेंकने के लिए एक और कानून बनाने जा रही है.

उत्तर प्रदेश में बनने वाले किराएदारी कानून और किराया प्राधिकरण के जरिए किराए का मकान लेकर अपराधिक व आतंकी वारदात को अंजाम देने वालों पर भी शिकंजा कसेगी. कैसे उत्तर प्रदेश सरकार में आ रहा नया कानून अपराधियों और आतंकियों के लिए बनेगा मुसीबत, पढ़ें ये खास रिपोर्ट.