सरकार ने कृषि कानून को वापस लेने से किया मना, दी ये चेतावनी…

किसान नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें।

कमल प्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।

उधर किसान नेताओं द्वारा आंदोलन तेज करने के ऐलान के मद्देनजर देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा को बढ़ाते हुए सीमेंट बैरिकेड पर जंजीर के साथ ताले लगा दिए हैं। जिससे बैरिकेड को हटाया या तोड़ा न जा सके। पुलिस ने सुरक्षा को बढ़ाते हुए पहले मिट्टी से भरे डंपर, बैरिकेड और फिर सीमेंट के बैरिकेड लगा रखे हैं।

किसान कानून वापसी के अलावा किसी भी तरह के संशोधन के लिए तैयार नहीं हो रहे है। इसी को लेकर किसानों ने आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करने के साथ अब ये चेतावनी दी कि, अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो वे सोमवार को भूख हड़ताल करेंगे।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है। सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुके किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। इसी बीच आप कार्यकर्ता भी किसानों के समर्थन में उतरे है और उपवास करने का ऐलान किया है।

आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि किसानों की अपील को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने तय किया है कि हमारे कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ उपवास करेंगे। आईटीओ स्थित पार्टी मुख्यालय में विधायक और पार्षद सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक सामूहिक उपवास करेंगे।