सबरीमाला मंदिर चार नवंबर तक के लिए मंदिर हुआ बंद

सबरीमाला मंदिर सोमवार की रात बंद कर दिया गया. दशा वही रहे जैसे पहले थे. रजस्वला आयु वर्ग की कोई भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई. सुप्रीम न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय के मुताबिक 10 वर्ष 50 वर्ष की आयु तक की स्त्रियों के मंदिर में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया था. स्त्रियों ने इस दौरान कई बार प्रवेश करने की प्रयास भी की लेकिन वह नाकाम रहीं.
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सोमवार को भी आंध्र प्रदेश से पांच महिलाएं ईश्वर अयप्पा के दर्शन की आस से आई थीं. लेकिन उन्हें बिना दर्शन किए ही लौटना पड़ा. वह तीर्थ यात्रा पर निकले समूह के साथ थीं सबरीमाला की स्थिति से अंजान थीं.

इससे पहले चार स्त्रियों ने मंदिर में कूदकर प्रवेश करने की प्रयास की लेकिन अयप्पा श्रद्धालुओं ने उन्हें रोक लिया. वहीं एक अन्य महिला भी पुलिस से इजाजत लेकर मंदिर में दर्शन के लिए निकली थी. जब वह पम्बा पहुंची तो जिस बस में वह सवार थी उसे ही प्रदर्शनकारियों ने चारों तरफ से घेर लिया. साथ ही उसे वहां से जाने पर मजबूर कर दिया गया.

इसके बाद वहां पुलिस पहुंची ने उसे भीड़ से बचाया. अब 4 नवंबर तक के लिए मंदिर बंद हो चुका है. बता दें बुधवार को मंदिर मासिक पूजा के लिए खुला था. जिसके बाद से अभी तक 13 स्त्रियों ने मंदिर में प्रवेश करने की प्रयास की. इनकी आयु 10 से 50 वर्ष के बीच थी. अब त्रावणकोर देवासन बोर्ड ने मंगलवार को मीटिंग बुलाई है. जिसमें फाइनल रिपोर्ट पर निर्णयहोगा. यह रिपोर्ट सुप्रीम न्यायालय को सौंपी जाएगी.

इसके अतिरिक्त सुप्रीम न्यायालय भी मंदिर पर निर्णय से जुड़ी समीक्षा याचिका पर आज निर्णय करेगा. सुप्रीम न्यायालय ने सोमवार को बोला था कि वह केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की स्त्रियों को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके निर्णय के विरूद्ध दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किये जाने की तारीख पर मंगलवार को फैसलाकरेगा. पीठ ने बोला था, ‘हम जानते हैं कि 19 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं. हम कल तक निर्णय करेंगे.

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