भारत की सबसे तेज ट्रेन बनी ‘Train 18’

देश की पहले बिना इंजन की ट्रेन, ‘ट्रेन 18’ आज पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है। जल्द ही शताब्दी ट्रेनों की जगह लेने वाली ‘ट्रेन 18’ आज शाम 4 बजे लॉन्च की जाएगी। वहीं ये अपना पहला सफर दिल्ली से भोपाल के लिए तय करेगी। ‘ट्रेन 18’ देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेगी। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इस ट्रेन का निर्माण पूरी तरह से देश में किया गया है। चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्टरी में ट्रेन को 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। आइए हम आपको बताते हैं इस ट्रेन से जुड़ी कुछ खास बातें-

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भारत में हुआ है पूरी ट्रेन का निर्माण .

1. . ‘ट्रेन 18’ का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इंटिग्रल कोच फैक्टरी (ICF) चेन्नई में किया गया है। इस ट्रेन की खास बात ये है कि इसे दौड़ने के लिए इंजन की जरूरत नहीं होगी।

2. ये ट्रेन मेट्रो ट्रेनों की तरह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर सेल्फ-प्रोपेल्ड चलेंगी। इंटर सिटी ट्रैवल को और बेहतर बनाने के लिए ‘ट्रेन 18’ को लाया जा रहा है।

3. स्टेनलेस स्टील से तैयार ‘ट्रेन 18’ में आरामदायक कुर्सियों के साथ-साथ यात्रियों के मनोरंजन के लिए वाईफाई और इनफोटेनमेंट की पूरी सुविधा होगी।

4. पूरी ट्रेन एसी है और इसमें सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम ट्रेन में लगाया गया है।

5. इस ट्रेन में अभी 16 चेयर कार वाले कोच हैं। इसमें से दो एग्जिक्यूटिव चेयर कार जिसमें 56 यात्री के बैठने की सुविधा है और इसकी कुर्सियां 360 डिग्री तक घूम सकती हैं। ग्रुप ट्रैवल कर रहे लोगों के लिए ये काफी सुविधाजनक होगी।

6. वहीं नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयर कार के 14 कोच हैं, जिसमें 78 यात्री आराम से सफर कर सकते हैं। इसमें दिव्यांगों के लिए एक कोच में अलग से व्यवस्था की गई है।

सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में यात्रियों के लिए कई सुविधाएं

7. इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन में ऑटोमैटिक स्लाइडिंग दरवाजे हैं जो प्लैटफॉर्म के आने पर खुलेंगे। इसके अलावा इसमें टच-फ्री बाथरूम फिटिंग वाले जीरो डिस्चार्ज बायो-वैक्यूम टॉयलेट हैं।

8. एक कोच से दूसरे कोच जाने के लिए इस ट्रेन में ज्यादा जगह दी गई है जो ऑटोमैटिक दरवाजों से पहुंचा जा सकता है। ट्रेन में रबर-ऑन-रबर फ्लोरिंग है और ऊर्जा बचाने के लिए एलईडी लाइटिंग लगाई गई है।

9. ट्रेन में यात्री सूचना के लिए एलईडी स्क्रीन और स्पीकर लगाए गए हैं, वहीं सामान रखने वाला रैक आम ट्रेनों के मुकाबले बड़ा बनाया गया है।

10. ट्रेन के दरवाजे केवल प्लैटफॉर्म आने पर ही खुलेंगे जब इसकी स्पीड जीरो किलोमीटर प्रति घंटे पर होगी। वहीं ये चलेगी भी केवल तभी जब सभी दरवाजे सही से बंद हो जाएंगे।

11. सेमी-हाई स्पीड होने के साथ-साथ इंजन रिवर्सल का न होना भी ट्रेन का काफी समय बचाएगा। ट्रेन सेट जल्द एक्सीलेरेशन और डिक्लेरेशन से भी सफर का काफी समय बचाएंगे।

12. आईसीएफ चेन्नई में ट्रेन के ब्रेकिंग, एसी और बाकी सिस्टम जांचे जाएंगे और क्रू को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद 7 नवंबर को ट्रेन दिल्ली लाई जाएगी।

दिल्ली से भोपाल के बीच होगा पहला सफर

13. इसके बाद ‘ट्रेन 18’ को मुरादाबाद-बरेली सेक्शन पर 150 किलोमीटर प्रति घंटे के स्पीड ट्रायल के लिए लाया जाएगा।

14. 150 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार के ट्रायल के बाद कोटा और सवाई मधोपूर के बीच ट्रेन का 160 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार का फाइनल ट्रायल किया जाएगा।

15. ‘ट्रेन 18’ अपना पहला सफर दिल्ली से भोपाल के बीच तय करेगी। ये ट्रेन आने वाले समय में राजधानी ट्रेनों की जगह लेंगी जिससे इंटर-सिटी यात्रा आसान हो जाएगी।

16. इंटिग्रल कोच फैक्टरी इन ट्रेन के 6 सेट बनाएगी, जिसमें दो स्लीपर कोच होंगे। ट्रेन के पहले सेट में कुछ चीजें बाहर से आयात की गई हैं।

17. इसमें फ्रांस से सीटें और ब्रेक, जर्मनी से कपलर्स, चेक गणराज्य से डोर सिस्टम, लेकिन आगे के रेक के लिए सभी देश में बनाए जाएंगे।

18. साल 2018 में बनी ट्रेन का नाम ‘ट्रेन 18’ रखा गया है। इसी तरह रेलवे इसके अपग्रेड वर्जन पर भी काम कर रही है, ‘ट्रेन 20’ जिसे साल 2020 में लॉन्च किया जा सकता है।