
बीजेपी की अपने अजेय छवि को बरकरार रखने के लिए पूरा प्रचार पीएम नरेंद्र मोदी पर ही केंद्रित रखने की योजना है. सत्ता विरोधी लहर के निबटने के लिए इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किनारे ही रखा जाएगा. पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इसी रणनीति पर कार्य कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव व उस के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों का इतिहास भी देखा जा रहा है. 2003 में इन तीनों राज्यों के चुनाव में बीजेपी की जीत हुई थी.
इसी दम पर तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 2004 में सितंबर-अक्टूबर में होने वाला लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में ही करवा लिया था. लेकिन उस लोकसभा चुनाव में बीजेपीके अप्रत्याशित पराजय का सामना करना पड़ा. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की अगुवाई वाली यूपीए की गवर्नमेंट काबिज हुई. 2008 में इन तीनों राज्यों में हुए चुनाव में बीजेपी छत्तीसगढ़ वमध्यप्रदेश में सत्ता कायम रख पाई लेकिन राजस्थान कांग्रेस पार्टी के हाथों खोना पड़ा था.
2009 में लोकसभा चुनाव में यूपीए कायम रही. 2013 में बीजेपी छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में सत्ता बचाए रखा व राजस्थान भी वापस हासिल कर लिया. तब तक 2014 लोकसभा चुनाव का महौल बन चुका था. नरेंद्र मोदी पीएम उम्मीदवार व बीजेपी के स्टार प्रचारक के रुप में सामने आ चुके थे. उस चुनाव में बीजेपी ने केंद्र में ऐतिहासिक सीट जीत कर काबिज हुई वकांग्रेस पार्टी के पचास के आंकड़े पर सिमट गई.