राष्ट्र में छह स्थानों पर परमाणु घड़ियां होंगी स्थापित

केंद्र गवर्नमेंट ने राष्ट्र की वित्तीय, बैंकिंग  दूरसंचार सेवाओं को सटीक समय मुहैया कराने के साथ साइबर सुरक्षा पुख्ता करने को परमाणु घड़ी लगाने का फैसला लिया है. पूरे राष्ट्र में इसके लिए छह घड़ियों को स्थापित किया जाएगा. फिर इनसे बैंकों, शेयर मार्केट  दूरसंचार समेत अन्य क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा. मौजूदा समय में अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, सिंगापुर, ताइवान  चाइना समेत अन्य राष्ट्रों में यह घड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं.
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परमाणु घड़ी के समय में तीस लाख वर्ष में एक सेकेंड से भी कम फर्क आता है. तकनीकी विशेषज्ञ रामानुज के मुताबिक वित्तीय क्षेत्र, जैसे बैंकों में माइक्रो सेकेंड स्तर पर उच्च आवृत्ति लेनदेन के समय  तिथि की गारंटी के लिए सटीक घड़ियों की जरूरत होती है, जो अब तक राष्ट्र में नहीं था. इसी तरह दूरसंचार एरिया में इसकी कठोर आवश्यकता डिजिटल बैंकिंग, जीपीएस समेत अन्य में है.

यह तंत्र आम तौर पर लेनदेन के समय  तारीख को सटीक समय में निर्धारित करता है. कई विकसित राष्ट्रों में इस घड़ी को फाइबर ऑप्टिकल के जरिए वित्तीय संस्थानों  दूरसंचार समेत अन्य क्षेत्रों से जोड़ा गया है. यह खासतौर पर बड़े लेनदेन  डेटा स्थांनातरण के लिए बहुत ही लाभकारी है. फाइबर ऑप्टिकल से जुड़े होने की वजह से इसमें अन्य का प्रवेश संभव नहीं है.

साइबर हमलों की मिलेगी सटीक जानकारी

परमाणु घड़ी लगाने का फैसला उपभोक्ता, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, गृह मंत्रालय  अंतरिक्ष विभाग की सहमति के बाद लिया गया है. छह दिशाओं में इसे लगाया जाना है जिसके लिए छह स्थानों की चयन प्रक्रिया गवर्नमेंट ने प्रारम्भ कर दी है. आईटी मंत्रालय के एक वरिष्ठ ऑफिसर के मुताबिक मौजूदा समय 90 सेकेंड तक समय का अंतर कई बार लेनदेन के दौरान देखा गया है. ऐसे में डेटा या धन के ट्रान्सफर में सेंध का खतरा बढ़ जाता है.
परमाणु घड़ी लगने पर डाटा या धन के ट्रान्सफर में सेंध लगाना संभव नहीं होगा. साथ ही संसार भर से होने वाले साइबर हमलों के सटीक समय की जानकारी भी हासिल होगी. उन्होंने बोला कि शेयर मार्केट में एक सेकेंड का अंतर भी कई बार भारी पड़ता है. ऐसे में विभिन्न स्तरों पर यह घड़ी जरूरी  फायदेमंद होगी. परमाणु घड़ी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम की माइक्रोवेव, ऑप्टिकल या अल्ट्रावायलेट एरिया में इलेक्ट्रान ट्रान्सफर आवृत्ति का इस्तेमाल समय की निगरानी मानक एलिमेंट के रूप में करती है.

परमाणु घड़ियां ज्ञात सबसे सटीक समय  आवृत्ति की मानक हैं. बताते चलें कि इन्हें खासतौर पर अंतर्राष्ट्रीय समय वितरण सेवाओं के लिए प्राथमिक मानकों के रूप में उपयोग किया जाता है. साथ ही वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जैसे जीपीएस में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.