दिल्ली के 400 पेट्रोल पंप इस दिन रहेंगे बंद, जानिए क्या है कारण?

पिछले कुछ दिनों में रुपया लगातार डॉलर के मुकाबले गिर रहा है। रुपए की गिरती कीमत की वजह से ना सिर्फ सरकार को बल्कि आम लोगों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। रुपए की गिरती कीमत की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसकी वजह से आम लोगों को महंगे पेट्रोल और डीजल की मार झेलनी पड़ रही है। आम लोगों के विरोध की वजह से सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए इसपर लगने वाले कर को कम करना पड़ा। लेकिन इन तमाम अहम मुद्दों के बीच यह समझना भी काफी अहम है कि आखिर क्यों लगातार रुपया डॉलर के मुकाबले गिर रहा है।

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83 फीसदी कच्चे तेल का आयात

आपको बता दें कि भारत अपनी जरूरत का महज 17 फीसदी कच्चा तेल ही देश में उत्पादित करता है, जबकि 83 फीसदी कच्चा तेल विदेश से आयात करता है। यही बड़ी वजह है कि भारत कच्चे तेल की खरीद काफी ज्यादा खर्च करता है। आंकड़ों की मानें तो 2017 में भारत में कच्चे तेल की खबर 93000 बैरल थी, जोकि 2018 में बढ़कर 190000 बैरल हो गई है। इस लिहाज से देखें तो कच्चे तेल की खपत में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है। आपको बता दें कि एक बैरल में 159 लीटर होता है।

कच्चे तेल की मांग में लगातार बढ़ोतरी

वर्ष 2016-17 में भारत ने 213.93 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया था, जिसपर सरकार को कुल 70.196 अरब डॉलर रुपए खर्च करने पड़े थे। वहीं 2017-18 में कच्चे तेल की खपत में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में यह कच्चे तेल का आयात बढ़तर 87.725 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2018 का अनुमान है कि अगर कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी होती है तो जीडीपी में 0.2 से लेकर 0.3 फीसदी तक की कमी आ जाएगी। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत सरकार को कच्चा तेल खरीदने के लिए काफी ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ता है। डॉलर की बढ़ती खपत एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से रूपए की कीमतों में गिरावट आ रही है।

ट्रेड वॉर

रुपए की गिरती कीमत की एक बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार है। हाल ही में अमेरिका ने चीन, भारत और कई यूरोपीय देशों पर आयात कर बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से तमाम उत्पादों की आयात कीमत बढ़ गई है। आने वाले समय में भारत को उत्पादों के आयात में अधिक डॉलर खर्च करना पड़ सकता है, लिहाजा निकट भविष्य में रुपए की कीमत में सुधार की उम्मीद कम है। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड युद्ध एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से रुपए की कीमत में डॉलर के मुकाबले गिरावट हो रही है।

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