साफ-सफाई के लिए गंग नहर को बंद किए जाने से दिल्ली-एनसीआर में गंगाजल की सप्लाई बंद हो गई है। इससे मेरठ, गाजियाबाद समेत दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। अब गंग नहर को दीवाली के बाद ही खोला जाएगा। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने में हरिद्वार से निकलने वाली गंग नहर को साफ-सफाई के लिए बंद किया जाता है। अक्टूबर आते ही गंग नगर को इस साल भी सफाई के लिए बंद कर दिया गया है। इससे खेतों की सिंचाई के लिए पानी और पेयजल का संकट पैदा हो गया है।
मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली में संकट : गंग नहर मेरठ खंड से मेरठ, गाजियाबाद के साथ-साथ दिल्ली के कई इलाकों में पीने के लिए गंगाजल की सप्लाई की जाती है। अब गंग नहर को बंद किए जाने से मेरठ में भोला झाल पर बना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद हो गया और शहर में गंगाजल की सप्लाई ठप हो गई है। इस कारण लोगों को पीने के लिए पानी का संकट पैदा हो गया है। नगर आयुक्त मनोज चौहान का कहना है कि नगर निगम द्वारा वैकल्पिक साधनों से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह से गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन क्षेत्र में गंगाजल की सप्लाई बंद होने से पेयजल का संकट पैदा हो गया है।दिल्ली को सबसे ज्यादा नुकसान : गंगनहर बंद होने से दिल्ली को जाने वाली पेयजल की पाइप लाइन बंद हो गई है। मुरादनगर स्थित वाटर प्लांट बंद होने से पेयजल सप्लाई ठप हो गई। इससे दिल्ली के कई क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है।
गेहूं की बुआई के लिए संकट : गंगनहर बंद होने से इससे निकलने वाले रजवाहों और माइनरों में भी पानी बंद हो गया है। इससे मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद आदि जनपदों के लाखों किसानों के सामने सिंचाई का संकट पैदा हो गया है। खेतों का पलेवा नहीं होने से गेहूं की बुआई प्रभावित होगी। जानी के किसान सुबोध चैधरी का कहना है कि नहर बंद होने से गेहूं की बुआई देरी से होगी।