आगरा बस हादसे में लखनऊ के 13 लोगों की मृत्यु हुई है. आठ घरों में बुजुर्ग पिताओं के कंधे पर जवान बेटों की अर्थी उठी. तो पूरा क्षेत्र रो पड़ा. आंखों में आंसू के साथ ही परिवार की जिम्मेदारी दिख रही थी. हादसे में मृतकों के घर प्रातः काल से प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायकों का आना-जाना लगा रहा. लोग परिवारीजनों को ढांढस बंधाते रहे.
अविनाश का मृत शरीर देख परिवार बदहवास मड़ियांव के केशवनगर-2 निवासी अंशुमान अवस्थी के बेटे अविनाश अवस्थी का पार्थिव शरीर सोमवार देर रात घर पहुंचा. मंगलवार सुबह बैकुंठ धाम में अविनाश का अंतिम संस्कार किया गया. पिता अंशुमान ने जवान बेटे को मुखाग्नि दी. वहीं घर पर मां और बहन का बुरा हाल था. मां बेहोश हो गई. वकीलों ने सेंट्रल बार एसोसिएशन में शोक सभा की. अंतिम संस्कार में राजधानी के वरिष्ठ अधिवक्ता और विधायक, मंत्री शामिल हुए.
देर रात पढ़ी गई इख्तकाब के जनाजे की नमाज उधर इंदिरानगर के गायत्री बाजार स्थित सेक्टर 11 में आफताब अहमद के बेटे इख्तकाब का मृत शरीर देर रात घर पहुंचा. देर रात को जनाजे की नमाज पढ़ी गई. इसके बाद पास केकब्रिस्तान में दफन किया गया. पिता का मृत शरीर देखते ही 10 वर्ष की मासूम बेटी इश्मत लिपट कर रोने लगी. तो वहां उपस्थित हर किसी की आंखें नम हो गईं. उधर गौसनगर में रहने वाली अरीबा खान को देर रात को ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.