जयपुर में 50 के पार हुआ जीका वायरस

आज की स्थिति में जयपुर बीमारी के सबसे बड़े प्रकोप की चपेट में है। यहां पर 50 अधिक खतरनाक जीका वायरस संक्रमण के मरीजों की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बहुत खतरनाक रूप ले रहा है। किसी भी तरह से इसको रोका नहीं गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं। चूकी इस वायरल का इनकंबेशन पीरियड्स एक सप्ताह का होता है ऐसे में उम्मीद है की अगले हफ्ते मरीजों का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।Related image

खाली करवाया गया राजपुत हॉस्टल

वहीं जयपुर के राजपुत हास्टल में तीन छात्रों के टेस्ट पॉजिटिव मिलने के बाद पूरे छात्रावास को खाली करा दिया गा है। छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है। यह तक की जीका वायरल गर्भवती महिलाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगा है। इसलिए गर्भवती महिला को घर से न निकलने की हिदायत दी गई है। राजधानी में जीका वायरस संक्रमण के ज्यादातर मामले शास्त्रीनगर इलाके में सामने आए हैं जहां फोगिंग तथा अन्य एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। पहला केस 21 सितंबर को इसी इलाके से मिला था।

केंद्र सरकार ने डॉक्टरों की टीम भेजी

जीका वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार 50 रोगियों में से 30 उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। वहीं जयपुर में हालात का जायजा लेने के लिए केंद्र की ओर से 7 सदस्यीय डॉक्टरों की एक उच्च स्तरीय टीम भी भेजी गई है। जो कि राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर संक्रमण को रोकने व अन्य जानकारी इकट्ठा कर रही है।

भारत में सबसे पहले गुजरात में मिला था

बता दें कि जीका वायरस अब तक 85 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। इन देशों में इसके मरीज मिले है। जीकी वायरस का पता साल 2015 में ब्राजील में लगा था। उस दौरान कईयों की मौत भी हो गई थी। वहीं भारत में साल 2017 में गुजरात में जीका के पाये जाने की रिपोर्ट थी। जिसमें अहमदाबाद के तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद तमिलनाडु में भी जीका संक्रमण का एक मामला सामने आया था। अब जयपुर इसकी चपेट में हैं।