राफेल सौदा: कैग की कांग्रेस पार्टी को दो टूक

नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने कांग्रेस से गुरुवार को बोला कि वह गवर्नमेंट के विरूद्ध राफेल सौदे पर आरोप लगाने  बयान देने की बजाए ठोस सबूत दे. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग के दौरान कैग ने साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया कि आरोपों के आधार जांच करना कठिन है क्योंकि उनके पास सौदे से संबंधित सबूत नहीं है.
Image result for राफेल सौदा: कैग की कांग्रेस पार्टी को दो टूक

गुरुवार को कांग्रेस पार्टी मे कैग से बोला कि वह 80,150 करोड़ रुपये के राफेल लड़ाकू विमान घोटाले का फोरेंसिक ऑडिट करे  संसद के सामने सभी तथ्य पेश करे. जिससे कि इस कथित घोटाले के लिए गवर्नमेंट की जवाबदेही तय की जा सके. कांग्रेस पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक के प्रमुख राजीव महर्षि से मुलाकात की.

एक महीने के अंदर कांग्रेसी नेताओं द्वारा राफेल सौदे को लेकर कैग ऑफिसर से मिलने का यह दूसरा मौका है. कांग्रेस पार्टी ने नए दस्तावेजों के साथ उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है. इससे पहले पार्टी 19 सितंबर को भी कैग से मुलाकात कर चुकी है. इसके बाद 24 सितंबर को पार्टी ने सीवीसी से इस सौदे की जांच करने के लिए मुलाकात की थी. राफेल सौदे को लेकर कैग को दिए गए दस्तावेजों में कांग्रेस पार्टी का कहना था कि यह हिंदुस्तान में उच्चतम स्तर पर दिए गए दस्तावेज  खुलासे हैं.

पार्टी का कहना है कि फ्रांस ने एक गहरी साजिश का पर्दाफाश किया है  यह साफतौर पर जनता के पैसों की लूट है. कांग्रेस पार्टी ने अपने ज्ञापन में बोला है, राफेल सौदा हिंदुस्तान के सबसे बड़े रक्षा घोटाले के तौर पर सामने आया है. प्रतिदिन इसका एक नया हकीकत सामने आ रहा है  रक्षा मंत्रालय इसपर कोई जवाब नहीं दे रही है. इस सरकाइर का केवल हकीकत टाल-मटोल है. राफेल सौदे में किए गए ‘भ्रष्टाचार’  ‘क्रोनिज्म’ में तुरंत हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

पार्टी का आरोप है कि सरकारी खजाने को 41,205 करोड़ रुपये का घाटा पहुंचाने के लिए गवर्नमेंट दोषी है. गवर्नमेंट फ्रांस से केवल 36 विमान खरीद रही है, वह भी बिना तकनीक का ट्रान्सफर किए. पार्टी ने कैग से बोला है कि इस मामले का हकीकत सामने लाने के लिए इसकी जांच संसद की संयुक्त जांच समिति से करवाई जानी चाहिए.