भारतीय रिजर्व बैंक देगा महंगााई का झटका

पेट्रोल डीजल की कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर तक की कटौती के बाद आज इंडियन रिजर्व बैंक (आरबीआई) महंगाई का झटका दे सकता है. शुक्रवार को केंद्र गवर्नमेंट ने पेट्रोल डीजल पर 2.50 रुपये  बीजेपी शासित राज्यों ने 2.50 रुपये वैट में कटौती की थी.
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भारतीय रिजर्व बैंक तीन दिन से चल रही मौद्रिक समीक्षा मीटिंग के बाद रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है. यह बढ़ोतरी महंगे होते कच्चे ऑयल  डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार निर्बल होने की वजह से होगी.

लगातार दो बार बढ़ोतरी के बाद मौजूदा समय में रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर है. अगर रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करता है तो बैंक भी ब्याज दरों में इजाफा कर देंगे. इससे सभी प्रकार के लोन की दर महंगी हो जाएगी.

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी ऑफिसर (सीईओ) राजकिरण राय जी ने बोला कि पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में वृद्धि के मद्देनजर, महंगाई बढ़ने की पूरी उम्मीद है. इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक इसके प्रभाव से पहले ही कदम उठा सकता है. मुझे लगता है कि रेपो रेट में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी होगी.

ऑयल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद महंगाई का आंकड़ा जुलाई के 4.17 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 3.69 प्रतिशत पर रहा.

रुपये में गिरावट हो सकती है अहम वजह

अगर भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट 25 आधार अंक बढ़ाती है, तो यह लगातार तीसरी बार दर में बढ़ोतरी होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट भी केंद्रीय बैंक को रेपो रेट बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा.
एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी केकी मिस्त्री ने बोला कि इस वक्त रुपया जिस स्तर पर है, उसे देखते हुए मुझे लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में एक चौथाई आधार अंक की बढ़ोतरी करेगा.

वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर डालें, तो रुपया निर्बल हुआ है  यह डॉलर के मुकाबले 73 के आसपास है. एसबीआई ने अपने शोध रिपोर्ट इकोरैप में बोला कि रुपये में गिरावट को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को नीतिगत दर में कम से कम 25 आधार अंक की बढ़ोतरी करनी चाहिए.

तटस्थ रुख में होगा बदलाव 

शोध रिपोर्ट के मुताबिक, हम रेपो रेट में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी की बात खारिज करते हैं, क्योंकि इससे मार्केट में अफरातफरी मच सकती है. हालांकि तटस्थ रुख में परिवर्तन की भी आसार बनती है, क्योंकि लगातार तीन बार दर में बढ़ोतरी के साथ तटस्थ रुख भारतीय रिजर्व बैंक के संदेश को परस्पर विरोधी बना सकता है.

मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में बोला कि उसे उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक अक्तूबर में मौद्रिक नीति समिति की मीटिंग के दौरान नीतिगत दर बढ़ा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में उभरते मार्केट (इमरजिंग मार्केट) में स्थिरता के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट की उम्मीद है, जिसका कारण एक लोकल वित्तीय कंपनी के हाल में डिफॉल्ट होने, ऑयल की कीमतें तथा राजकोषीय घाटा बढ़ने को लेकर चिंता है.

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के डिफॉल्ट करने के कारण कॉरपोरेट स्प्रेड में बढ़ोतरी हुई है  घरेलू वित्तीय संस्थानों पर रिफाइनेंसिंग का दबाव बढ़ा है, वह भी ऐसे समय में जब हमारे अर्थशास्त्री को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक अक्तूबर की मीटिंग में नीतिगत दर में बढ़ोतरी करेगा.