पाकिस्तान व चाइना पर परोक्ष हमला बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बोला कि देश प्रायोजित आतंकवादव् इन्सानियत के लिए आज सबसे बड़ा खतरा है।
उन्होंने वैश्विक नेताओं से आतंकवाद की समस्या से मिलकर लड़ने को कहा। मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करते हुए मोदी ने बोला कि हिंदुस्तान व मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मालदीव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हर भारतीय आपके साथ है। ’
मोदी ने बोला कि आतंकवाद न केवल देश के लिए बल्कि पूरी सभ्यता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक समुदाय ने जलवायु बदलाव जैसी वैश्विक चुनौतियों पर सम्मेलन वबैठकें आयोजित की हैं, अब उसे आतंकवाद के मामले पर भी साथ में आना चाहिए। अब आतंकवाद पर वैश्विक सम्मेलन का समय है। ’
1 आतंकवाद पर पाकिस्तान को ऐसे घेरा
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग आज भी अच्छे आतंकियों व बुरे आतंकियों के बीच अंतर करने की गलती कर रहे हैं। ’ मोदी ने परोक्ष रूप से पाक की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद आज संसार के सामने सबसे बड़ा खतरा है। ’ हिंदुस्तान ने पहले देश में आतंकी हमलों के लिए पाक को जिम्मेदार ठहराया था व उससे उसकी सरजमीं से पनप रहे आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद करने को बोला था।
मोदी ने कहा, ‘‘पानी अब सिर से ऊपर जा रहा है। ’ उन्होंने संसार के नेताओं से आतंकवाद से मिलकर लड़ने को कहा। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद व चरमपंथ से लड़ना संसार में नेतृत्व का सबसे सटीक परीक्षण है। ’
2. मालदीव में लोकतंत्र की स्थापना का मुद्दा
उन्होंने बोला कि मालदीव में आजादी, लोकतंत्र, समृद्धि व शांति के लिए हिंदुस्तान उसके साथ खड़ा है। मोदी ने संसद में कहा, ‘‘आज मालदीव में व मजलिस में मैं आपके बीच आकर बहुत खुश हूं। मोहम्मद नशीद जी के स्पीकर बनने के बाद मजलिस ने पहली ही मीटिंग में मुझे आमंत्रित करने का निर्णय लिया। ’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि हमने आज दोनों राष्ट्रों के बीच फेरी सेवा पर करार किया है। ’
3 हिंद महासागर में शांति व सुरक्षा पर जोर व चाइना को संदेश
भारत-मालदीव संयुक्त वक्तव्य के अनुसार पीएम मोदी व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने क्षेत्र में व अन्य कहीं भी आतंकवाद के सभी प्रकारों के विरूद्ध उनका सुस्पष्ट रुख प्रकट किया। इसमें बोला गया कि दोनों राष्ट्रों के सुरक्षा हित जुड़े होने की बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक दूसरे की चिंता व आकांक्षाओं के प्रति विवेकपूर्ण सोच रखने का आश्वासन दोहराया। उन्होंने एक दूसरे के प्रतिकूल किसी भी गतिविधि के लिए अपने अपने क्षेत्रों का प्रयोग नहीं होने देने की बात भी दोहराई।
5. मालदीव जैसे छोटे से देश के सहारे बड़ा संदेश
मालदीव को समुद्री पड़ोसी व मित्र बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘दोस्तों में कोई छोटा, बड़ा, निर्बल व ताकतवर नहीं होता। शांतिपूर्ण व समृद्ध पड़ोस की बुनियाद विश्वास, सद्भाव व योगदानपर टिकी होती है। ’ चाइना भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदी बढ़ाने की प्रयास कर रहा है।
चीन लगभग सारे दक्षिण चाइना सागर पर अपना दावा करता है। इसे लेकर वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई व ताइवान के अपने अलग दावे हैं। मोदी ने इस विषय में कहा, ‘‘भारत ने हमेशा अपनी उपलब्धियों को संसार के साथ साझा किया है। हिंदुस्तान की विकास साझेदारी लोगों को सशक्त करने की है, उन्हें निर्बल करने की नहीं व ना ही उनकी निर्भरता हम पर बढ़ाने या भविष्य की पीढ़ियों के कंधों पर लोन का असंभव बोझ डालने की है। ’