पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी एक न्यायालय ने पीएमएल-एन गवर्नमेंट में गृह मंत्री रहे अहसन इकबाल को गोली मारकर जख्मी करने के जुर्म में मजहबी तंजीम के एक सदस्य को 30 वर्ष की कारागार की सजा सुनाई है। गुजरनवाला की न्यायालय ने शनिवार को 22 वर्षीय आबिद हुसैन की जायदाद को जब्त करने का आदेश दिया व उसपर 2,80,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को छह महीने व कारागार में गुजारने पड़ेंगे। न्यायालय के एक ऑफिसर के मुताबिक, न्यायाधीश सैयद इमरान शाह ने इकबाल पर गोली चलाने के लिए हुसैन को 27 वर्ष व गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने के लिए तीन वर्ष के कैद की सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने बोला कि दोषी ने पूर्व पीएमएल-एन गवर्नमेंट के गृह मंत्री इकबाल को मई में जान से मारने की प्रयास की। उसने छह मई को नारोवाल में एक चुनावी रैली के दौरान इकबाल पर गोली चलाई। न्यायालय ने शक का फायदा देते हुए हुसैन के चार साथियों को बरी कर दिया। हुसैन तहरीक-ए-लब्बैक पाक का सदस्य है।