चाइना सीमा के पास लापता वायुसेना के विमान एएन-32 का तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल सका है. विमान में सात अधिकारियों समेत 13 लोग सवार थे.विमान की तलाश में युद्धस्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है व इसकी खोज में वायुसेना के विमानों के साथ नौसेना और थलसेना के हेलीकॉप्टर के बेड़े जुटे हैं. इसके साथ ही इसरो के कार्टोसैट व रीसैट की मदद भी ली जा रही है.
इस कारण आ रही है समस्या
जानकारी के मुताबिक वायुसेना को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है. वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने बताया कि घने जंगल, दुर्गम इलाके व बेकार मौसम की चुनौतियों के बावजूद सर्च ऑपरेशन को व तेज कर दिया गया है. हवाई सेंसर से मिली जानकारी का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है व हवाई और जमीनी स्तर पर टीमें विमान की तलाश में जुटी हैं. हालांकि बेकार मौसम के कारण हेलीकॉप्टरों द्वारा तलाशी अभियान प्रभावित रहा व बाद में उसे स्थगित करना पड़ा.
जारी है सर्चिंग ऑपरेशन
इसी के साथ तीसरे दिन दो अलावा सुखोई-30 विमान को भी तैनात किया गया. सुखोई व सी-130जे रात में भी विमान की लोकेशन का पता लगाना जारी रहेगी. इसके अतिरिक्त सेना, आईटीबीपी व लोकल पुलिस के जवान भी लगातार अभियान चला रहे हैं. वायुसेना के एएन-32 मालवाहक विमान ने सोमवार को असम के जोरहट से अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका के लिए उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के 35 मिनट बाद ही विमान का ग्राउंड स्टाफ से सम्पर्क टूट गया था.