जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में भी पास होने के बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों तक अपनी बात अलहदा अंदाज में रखी। उन्होंने 5 भाषाओं-इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी व लद्दाखी में अपनी बात रखी। दरअसल जम्मू-कश्मीर व लद्दाख क्षेत्र में ये पांच भाषाएं बोली जाती हैं। उन्होंने कहा, ”ऐतिहासिक क्षण। एकता वअखंडता के लिए सारा देश एकजुट। जय हिंद! हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए यह एक गौरव का क्षण है, जहां जम्मू और कश्मीर से जुड़े ऐतिहासिक बिल भारी समर्थन से पारित किए गए हैं। मैं जम्मू और कश्मीर की बहनों व भाइयों के साहस व जज्बे को सलाम करता हूं। सालों तक कुछ स्वार्थी तत्वों ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग का कार्य किया, लोगों को भ्रमित किया व विकास की अनदेखी की। जम्मू और कश्मीर व लद्दाख अब ऐसे लोगों के चंगुल से आजाद है। एक नयी सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार है!
उन्होंने कहा, ”ये कदम जम्मू और कश्मीर व लद्दाख के युवाओं को मुख्यधारा में लाएंगे, साथ ही उन्हें उनके कौशल व प्रतिभा को प्रदर्शित करने के अनगिनत मौका प्रदान करेंगे।इससे वहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा, व्यापार-उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए मौका बनेंगे व आपसी दूरियां मिटेंगी। लद्दाख के लोगों को विशेष रूप से बधाई! मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने की उनकी दशकों पुरानी मांग आज पूरी हो गई है। इस निर्णय से लद्दाख के विकास को अभूतपूर्व बल मिलेगा। लोगों के ज़िंदगी में समृद्धि व खुशहाली आएगी। ”
उन्होंने कहा, ”इन विधेयकों का पारित होना देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि है: सरदार पटेल, जो देश की एकता के लिए समर्पित थे; बाबासाहेब अम्बेडकर, जिनके विचार सर्वविदित हैं; डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिन्होंने हिंदुस्तान की एकता व अखंडता के लिए अपना ज़िंदगी समर्पित कर दिया। संसद में जिस प्रकार विभिन्न पार्टियों ने दलगत पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर व वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सार्थक चर्चा की, उसने हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ाने का कार्य किया है। इसके लिए मैं सभी सांसदों, सियासी दलों व उनके नेताओं को शुभकामना देता हूं।
उन्होंने कहा, ”जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के लोगों को गर्व होगा कि सांसदों ने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर उनके भविष्य को लेकर चर्चा की। साथ ही साथ वहां शांति, प्रगति व समृद्धि की राह सुनिश्चित की। RS में 125:61 व LS में 370:70 का विशाल बहुमत इस निर्णय के प्रति भारी समर्थन को दिखाता है।