अब्दुल कलाम जी ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है, स्नातक होने के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर कार्य करने के लिये इंडियन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया व 1962 में कलाम जी इंडियन अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम किरदार निभाई.कलाम जी ने इंडियन विज्ञान में कई अविष्कार भी किए हैं उन्होने पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में बहुत जरूरीकाम किया था व जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया.
इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक व विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन व इंडियन अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो को संभाला इसके अतिरिक्त 1974 में हिंदुस्तान द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में हिंदुस्तान के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी व राजनैतिक किरदार निभाने वाले कलाम ही थे. अपने ज़िंदगी में कई उपलब्धियां प्राप्त करने वाले अब्दुल कलाम जी की मृत्यु 27 जुलाई 2015 में मेघालय के शिलांग में हुई थी, तब वे 83 साल के थे.