डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते स्तर के चलते राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर उल्टा प्रभाव पड़ रहा है। शेयर मार्केट लगातार धराशाई हो रहा है, लेकिन बावजूद इसके म्यूचुअल फंड में लोगों का विश्वास बढ़ा है। म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 14 फीसदी अधिक है। खुदरा निवेशकों की ओर से म्यूचुफल फंड में दिलचस्पी दिखाने व उद्योग द्वारा चलाया जा रहा निवेशक जागरूकता अभियान इसकी वजह रही।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 41 म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति सितंबर महीने में बढ़कर 23.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। तिमाही आधार पर इसमें सिर्फ 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। वही, 2017 की जुलाई-सितंबर अवधि में यह आंकड़ा 21 लाख करोड़ रुपये था।
उद्योग जानकारों ने बोला कि खुदरा निवेशकों खासकर छोटे शहरों से मजबूत सहभागिता के कारण वृद्धि दर्ज गई।
समीक्षा अवधि में कुल 41 म्यूचुअल फंड कंपनियों में से 33 कंपनियों की परिसंपत्तियों में वृद्धि दर्ज की गई हैं जबकि आठ कंपनियों की परिसंपत्तियों में गिरावट आई।आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड का एयूएम सबसे ऊपर बना रहा। इसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति 3,10,257 करोड़ रुपये रही। इसके बाद एचडीएफसी एमएफ (3,06,360 करोड़ रुपये) व आदित्य बिड़ला सन जीवन एमफ (2,54,207 करोड़ रुपये) रहे।
दो दिन में पांच लाख करोड़ रुपये डूबे
उधर, अगर शेयर मार्केट की बात करें तो शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट से दो दिन में निवेशकों की पूंजी पांच लाख करोड़ रुपये कम हुई है। दो दिन में बंबई शेयर मार्केट का सेंसेक्स 1,357 अंक टूटा है। गुरुवार को मार्केट में जोरदार बिकवाली का सिलसिला चला। सेंसेक्स 806 अंक टूटकर 35,169 अंक पर आ गया। रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा जबकि कच्चा ऑयल 86 डॉलर प्रति बैरल को पार गया। बुधवार को सेंसेक्स 550.51 अंक टूटा था।
बाजार में जोरदार गिरावट से बंबई शेयर मार्केट की सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट पूंजीकरण दो दिन में 5,02,895.97 करोड़ रुपये घटकर 1,40,39,742.92 करोड़ रुपये पर आ गया है।