जिस आयु इस बात का अंदाजा नहीं होता कि जॉब क्या होती है? उस आयु में एक 13 वर्ष के बेटे को अपने भविष्य के साथ अपने पापा का जिम्मेदारियों का एहसास कुछ ऐसा हुआ कि उसने पापा की जॉब की बहाली के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखनी प्रारम्भ की, चिट्ठी एक दो नहीं बल्कि अब तक कानपुर के 13 वर्ष के सार्थक तिवारी ने शुक्रवार को 37वीं चिट्ठी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजी है।
समाचार एजेंसी एएनआई को सार्थक ने बताया, ‘मैंने मोदी बाबा जी से अपने पिता की मदद करने प्रार्थना की है। मेरे पिता को स्टॉक एक्सचेंज के लोगों ने जॉब छोड़ने को बोला था। मेरा मानना है कि मेरी चिट्ठियों की वजह से मेरे पिता को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। वो लोग मेरे पिता व मेरे परिवार को जान से मार देना चाहते हैं। ‘
साल 2016 से सार्थक लगातार प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठियां लिख रहे हैं। सार्थक इन चिट्ठियों में अपने घर की परेशानियों के बारे में भी विस्तार से लिखते हैं। सार्थक की तमन्ना है कि जो भी लोग उसके पिता के साथ गलत कर रहे हैं उन्हें कानून तौर पर सजा दी जाए।
आठवीं क्लास के विद्यार्थी ने नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा-मैंने कई लोगों के मुंह से सुना है, मोदी है तो मुमकिन है। इसीलिए मैं प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रार्थना करता हूं कि मेरी कठिन के बारे में भी सुनें। सार्थक कानपुर के सत्यजीत विजय त्रिपाठी का बेटा है, जो यूपी स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व कर्मचारी हैं।