इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के लोग इन दिनों वायु प्रदूषण से परेशान हैं. राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता जहरीले स्तर तक पहुंच चुकी है. अब पर्यावरणविद और कार्यकर्ताओं ने लोगों के साथ मिलकर सरकार पर केस दर्ज कराने का फैसला किया है.
सरकारी कर्मचारी, व्यापारी और कला के क्षेत्र में काम करने वाले लोग सरकार के खिलाफ मुहिम में हिस्सा ले रहे हैं. यह केस सीधा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पर दायर होगा. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री, गृह मंत्री और पर्यावरण मंत्रियों के साथ जकार्ता, बांतेन और पश्चिमी जावा के गवर्नरों को भी केस में शामिल किया जाएगा.
केस का मकसद नीतियों में बदलाव
इस केस को लड़ने वाली संस्था जकार्ता लीगल इंस्टीट्यूट के वकील अयु एजा टियारा के मुताबिक मामला दायर करने का मकसद सिर्फ इतना है कि सरकार पुरानी नीतियों को बदलकर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नई योजना तैयार करे.
इंडोनेशिया की सरकार पर आरोप है कि वह वाहनों और उद्योगों पर आवश्यक वायु प्रदूषण जांच लागू नहीं कर रही है. इंडोनेशिया की सरकार पर आरोप है कि वह वाहनों और उद्योगों पर आवश्यक वायु प्रदूषण जांच लागू नहीं कर रही है.
प्रदूषण के मामले में दिल्ली से आगे निकला जकार्ता
जकार्ता में इस साल जून में ही शहर में खराब एयर क्वालिटी का स्तर कई बार दिल्ली और बीजिंग जैसे शहरों में आगे निकल गया. 25 जून को जकार्ता का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 240 से ऊपर चला गया था. इस दौरान लंदन का एक्यूआई 12 और सैन फ्रांसिस्को का एक्यूआई 26 था.
2018 से खराब है स्थिति
2018 के बाद एयर क्वालिटी के मामले में जकार्ता की स्थिति दक्षिण पूर्वी देशों में सबसे खराब बताई जा रही है. हालांकि सरकार का कहना है कि 2018 में एयर क्वालिटी काफी बेहतर रही थी और कई बार रियल टाइम रिपोर्ट गलत साबित होती है. बता दें कि इंडोनेशिया की सरकार पर आरोप है कि वह वाहनों और उद्योगों पर आवश्यक वायु प्रदूषण जांच लागू नहीं कर रही है.