असम की तर्ज पर त्रिपुरा में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की कोई योजना नहीं : केंद्र गवर्नमेंट

केंद्र गवर्नमेंट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि असम की तर्ज पर त्रिपुरा में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की कोई योजना नहीं है. गैरकानूनी प्रवासियों की पहचान के लिए असम में एनआरसी लागू किया गया था. करीब 40 लाख लोग हिंदुस्तान की अपनी नागरिकता का सबूत नहीं दे सके. इसको लेकर पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी समेत दूसरे विपक्षी दलों ने बहुत ज्यादा विरोध किया था.
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त्रिपुरा में भी एनआरसी लागू किए जाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) के अध्यक्ष बिजॉय कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी.

शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि त्रिपुरा में एनआरसी लागू किए जाने को लेकर आईएनपीटी को किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया गया है. मंत्रालय ने बताया कि असम की तरह त्रिपुरा में भी एनआरसी लागू करने की योजना नहीं है. त्रिपुरा में एनआरसी लागू करने को लेकर फैलाई जा रही सूचना बेबुनियाद है.

एनआरसी में नहीं छूटेगा कोई भी वास्तविक इंडियन : राम माधव

कोई भी राष्ट्र गैरकानूनी घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता. लेकिन असम में चल रही एनआरसी की कवायद में कोई भी असली इंडियन नागरिक पीड़ित साबित नहीं होगा. ये आश्वासन बीजेपी महासचिव राम माधव ने शुक्रवार को इस कवायद का समर्थन करते हुए दिया.

यहां एक प्रोग्राम में बोल रहे राम माधव ने कहा, असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर कोई टकराव नहीं है  राज्य इस प्रक्रिया को शांतिपूर्वक निपटा रहा है. पूरी प्रक्रिया पर सुप्रीम न्यायालय नियमित तौर पर हर दिन नजर रख रहा है. कुछ भी राष्ट्र के कानून के विरूद्ध नहीं किया जाएगा. हम पूरी तरह सांविधानिक प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.