एक तरफ जहां कई हिंदुस्तानियों ने अमेरिका में सफलता के झंडे गाड़े हैं, वहीं बड़ी संख्या में हिंदुस्तानियों ने अमेरिका में गैरकानूनी रूप से प्रवेश करने की भी हिमाकत कर डाली है। अमेरिका के कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने शुक्रवार को बोला कि बड़ी संख्या में इंडियन गैरकानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं। हाल की तुलना में साल 2018 में अरैस्ट किए गए ऐसे हिंदुस्तानियों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है।
प्रवेश के लिए 50 हजार डॉलर तक करते हैं खर्च
अमेरिकी अधिकारियों ने बोला कि अमेरिका व मेक्सिको की सीमा पर 25,000-50,000 डॉलर प्रति आदमी खर्च कर इंडियन गैरकानूनी रूप से अमेरिका की सीमा में दाखिल हो रहे हैं। अधिकारियों ने बोला कि कुछ हिंदुस्तानियों के उत्पीड़न का दावा सही प्रतीत होता है लेकिन अधिकतर संख्या में वैसे इंडियन हैं जो फर्जी दस्तावेज के साथ पैसे खर्च कर अमेरिका की सीमा में प्रवेश करते हुए पकड़े गए हैं। इनके विरूद्ध धोखाधड़ी व अन्य आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं। ये इंडियन शरण भी मांगते हैं।
मेक्सिकली शहर से प्रवेश आसान
ऑफिसर ने बोला कि CBP को उम्मीद है कि 30 सितंबर को समाप्त हुई अवधि का डेटा बताएगा कि करीब 9,000 इंडियन इस मामले में अरैस्ट किए गए हैं। जबकि साल 2017 में समान अवधि में 3,162 इंडियन पकड़े गए थे। इस वर्ष करीब 4,000 इंडियन मेक्सिकली सीमा में तीन किलोमीटर के एरिया में अरैस्ट किए गए। उन्होंने बोला कि मेक्सिकली सीमा से सटा एक सुरक्षित शहर है, जहां से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद मिलती है।
मानव तस्करी बड़े पैमाने पर
ऑफिसर के मुताबिक, शरण मांगने वाले निचले जाति के अछूत हिंदुस्तानियों को अपनी जाति से बाहर जाकर सिख से विवाह करने पर जान से मारने की धमकी का सामना करना पड़ता है, जबकि शरण मांगने वाले फर्जी लोग दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ कर प्रवेश करने की फिराक में होते हैं। बोला जा रहा है कि कई गैरकानूनी तरीके से अभी भी कई इंडियन अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं। मानव तस्करी के जरिए ऐसी हरकतें हो रही हैं।
हाल ही में हिंदुस्तान के मासूम बच्चों को अमेरिका में ले जाकर बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ। गिरफ्त में आए रैकेट ने अब तक 300 बच्चों को अमेरिका ले जाकर बेचने की बात कबूली थी। ये रैकेट उन बच्चों को निशाना बनाता था जिनके मां-बाप बहुत ज्यादा गरीब होते हैं।