रात से दूसरे लॉकडाउन की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ ही सभी बार, रेस्टोरेंट्स और गैर-जरूरी बिजनेस को बंद होना पड़ेगा। अगर लोगों को घर से बाहर जाना है जो फिर उन्हें लिखित मंजूरी की जरूरत होगी।
मैंक्रो ने जनता से अपील की हैं वो नियमों का पालन करें और जितना संभव हो सके, घरों में ही रहें। गर्मियों के मौसम में फ्रांस में दो माह का लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान स्कूल बंद थे लेकिन इस बार हाई स्कूल लेवल से ऊपर के बच्चे स्कूल जाते रहेंगे। यूनिवर्सिटीज की क्लासेज ऑनलाइन होंगी।
मैंक्रो ने टीवी पर दिए अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘वायरस बहुत तेजी से फ्रांस में फैल रहा है और जिस रफ्तार से यह लोगों को निशाना बना रहा है, उसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी।’
उन्होंने अपने संबोधन में यह माना कि पेरिस और देश के दूसरे बड़े शहरों में जो कर्फ्यू दो हफ्ते पहले लगाया गया था, वह दूसरी लहर को रोकने में नाकाम रहा है।
फ्रांस में अब तक कोरोना की वजह से 35,000 लोगों की मौत हो चुकी है। मैंक्रो ने आगे कहा, ‘यूरोप के दूसरे हिस्सों की तरह ही फ्रांस भी वायरस के प्रकोप को दूसरी बार झेल रहा है।
यह दूसरी लहर शायद बहुत मुश्किल और इस पहली लहर से ज्यादा जानलेवा है।’मैंक्रो ने कहा कि अगरे सरकार ने नहीं कुछ नहीं किया तो कुछ माह के अंदर देश में वायरस की वजह से 400,000 अतिरिक्त मौंतें होंगी।
मैंक्रो ने चेतावनी दी कि अस्पतालों के आईसीयू में पहले ही 3,000 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं जिन्हें बेड नहीं मिल रहा है और सरकार चाहें कुछ भी कर ले, नवंबर माह के मध्य तक कम से कम 9,000 और लोग आईसीयू में होंगे।
बुधवार को सेंट पब्किल फ्रांस हेल्थ एजेंसी ने कोरोना वायरस की वजह से 244 और मौतों की जानकारी दी है। यह आंकड़ा 24 घंटे का है और 36,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
फ्रांस में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन ने एक साल के अंदर वापसी की है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने बुधवार को कम से कम एक दिसंबर तक के लिए देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि महामारी की वजह से अस्पतालों में जो हालात हैं, उन पर लॉकडाउन के बाद कुछ हद तक नियंत्रण हो सकेगा। फ्रांस, यूरोप का वह देश है जिसने कोरोना वायरस की वजह से इटली के बाद सबसे ज्यादा नुकसान झेला है। पिछले दिनों यहां पर अचानक से केसेज में इजाफा हुआ है।