शराब पीने से नहीं होता कोरोना वायरस, पूरी खबर जानकर चौक जायेंगे आप

कोरोनावायरस आम तौर पर सांस के जरिए नाक में पहुंचता है और वहीं अपनी संख्या बढ़ाता है। नाक से फिर वो गले और फेफड़ों में पहुंचता है। शराब पीने से अगर कोरोनावायरस खत्म भी हुए, तो नाक और फेफड़ों के वायरस तक आप इसे कैसे पहुंचाएंगे? सर्दी-खांसी की दवाओं में भी जो अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है, उसका मकसद गले का इलाज नहीं, बल्कि अच्छी नींद लाना होता है।

पहली बात, त्वचा के ऊपर कितना भी अल्कोहल डाला जाए, वो अंदर प्रवेश नहीं करेगा और कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन शरीर के अंदर त्वचा की सख्त परत नहीं होती है।

गले के अंदर की त्वचा काफी नाजुक होती है और किसी भी तरह के एसिड, एल्होकल या केमिकल से गले से लेकर पेट तक की नली को भारी नुकसान पहुंचता है।

बाजार में उपलब्ध किसी भी शराब में 40-50 फीसदी से ज्यादा अल्कोहल नहीं होता। इसलिए पीना तो दूर की बात है, इससे अगर आप हाथ भी धोयें, तो हाथ पूरी तरह सैनिटाइज नहीं होगा।

ये एक सच्चाई है कि 60-70 फीसदी अल्कोहल वाले सैनिटाइजर में इतनी ताकत होती है कि त्वचा या किसी सतह पर मौजूद कोरोनावायरस को खत्म कर सकता है।

लेकिन कुछ लोग इसका अलग ही मतलब निकाल रहे हैं और जमकर शराब पी रहे हैं। उनका तर्क ये है कि अगर बाहर के वायरस को अल्कोहल से मारा जा सकता है, तो भीतर के वायरस को भी क्यों नहीं इससे खत्म किया जाए। लेकिन उनके कुतर्क का विशेषज्ञों के सटीक जवाब है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में एक तरफ लोगों का खौफ उनकी जान ले रहा है तो दूसरी तरफ इसके शर्तिया इलाजों के फर्जी दावे भारी नुकसान कर रहे हैं। दिक्कत ये है कि बड़े-बड़े डॉक्टर भी जिसका पक्का इलाज नहीं जानते, उनका इलाज लोग खुद ही अपने दिमाग से ढूंढ लेते हैं।

इस चक्कर में कई फायदे की वजह से नुकसान ही होता है। ताजा मामला अल्कोहल के इस्तेमाल से जुड़ा है। इसको लेकर लोगों में इतनी भ्रांतियां हैं कि कई लोग जान भी गंवा बैठे हैं।