नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों पर सख्त हुए गृह मंत्री अमित शाह, बोले हर हाल में…

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की कुछ हो हम अपने तय किये गये मानकों से पीछे हटने वाले नही। साथ ही उन्होंने कहा की हर हाल में CAA को लगू करेंगे। जी हां आपको बताते चलें की, नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA को लेकर बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस बात पर बल दिया कि इसके क्रियान्वयन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।

वहीं साथ ही आपको यह भी बतादें की उन्होंने कहा की, विपक्ष पर इस कानून को लेकर झूठा प्रचार अभियान में शामिल होने का आरोप लगाया। शाह ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर झूठा अभियान चला रहा है और हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा कर रहा है।

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्षी दलों के नेताओं को चुनौती दी कि वे बयान जारी करें कि वे चाहते हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के सभी मुसलमानों को भारत की नागरिकता दी जाए। शाह ने कहा कि सीएए में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ भी नहीं है।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस बात पर बल दिया कि इसके क्रियान्वयन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर इस “कानून को लेकर झूठा प्रचार अभियान” में शामिल होने का आरोप लगाया।

शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर ”झूठा” अभियान चला रहा है और हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्षी दलों के नेताओं को चुनौती दी कि वे बयान जारी करें कि वे चाहते हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के सभी मुसलमानों को भारत की नागरिकता दी जाए। झारखंड में मंगलवार को एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ”कांग्रेस और उसके दोस्तों” के सामने ऐसी ही चुनौती रखी।

शाह ने यहां ”इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव” में कहा कि सीएए में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। इसे पिछले हफ्ते संसद में पारित किया गया और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता। प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के पाले में गेंद डालते हुए शाह ने कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा असम समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की वजह से इस प्रावधान का सूत्रपात राष्ट्रीय पार्टी द्वारा ही हुआ था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सीएए की नींव रखी थी। नयी दिल्ली में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उनसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा में हस्तक्षेप का अनुरोध किया और मोदी सरकार से ”असंवैधानिक व विभाजक” नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की। उन्होंने इन कानून के बनने के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों और उसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई पर एक जांच आयोग बनाने की भी मांग की। वि

पक्ष लगातार इस कानून को ”असंवैधानिक और विभाजनकारी” बताकर इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। विपक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, ”पार्टी और सरकार इसे (सीएए) लेकर दृढ़ हैं। नागरिकता कानून पर पीछे नहीं हटेंगे। सरकार इसके क्रियान्वयन के लिए चट्टान की तरह दृढ़ प्रतिज्ञ है।”

शाह ने इस बात पर भी भरोसा व्यक्त किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम कानूनी समीक्षा में खरा उतरेगा। उन्होंने कहा, ”हम शीर्ष अदालत में निश्चित तौर पर इसका बचाव करने में सक्षम होंगे। यह अधिनियम न्यायपालिका की जांच में टिका रहेगा।” उन्होंने कहा, ”मैं यह नहीं समझ पा रहा कि सीएए में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों के हितों के खिलाफ क्या है?”

शाह ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी पर नए नागरिकता कानून के खिलाफ ‘झूठा’ प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा, ”क्या दुनिया में कोई ऐसा देश है जिसके पास नागरिकों की पंजी न हो?” शाह ने कहा, ” क्या कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के सभी मुसलमान भाइयों को नागरिकता देने के लिये कह सकती है?

सोनिया गांधी और विपक्ष के दूसरे नेता इस संदर्भ में बयान दें।” पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों द्वारा सीएए को लागू नहीं किये जाने के बारे में पूछने पर गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों के पास यह विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, ”नागरिकता पूरी तरह केंद्र सरकार का विषय है, राज्यों का नहीं।” गृह मंत्री ने कहा कि इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व आगजनी में शामिल हैं। सीएए को लेकर बढ़ते विरोध प्रदर्शनों पर शाह ने कहा कि कानून में कुछ भी “अल्पसंख्यक विरोधी” नहीं है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान कराने का प्रावधान करता है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर “दुष्प्रचार अभियान” में शामिल हैं।

विनायक दामोदर सावरकर पर टिप्पणी के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी जैसे बन भी नहीं सकते। दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की ‘भारत बचाओ रैली’ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अपनी ‘रेप इन इंडिया’ वाली टिप्पणी पर भाजपा की माफी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम राहुल गांधी है ”राहुल सावरकर” नहीं और वह सच बोलने के लिये कभी माफी नहीं मांगेंगे।

गृह मंत्री ने कहा, ”राहुल गांधी वीर सावरकर नहीं हो सकते, सावरकर होने के लिये काफी त्याग और समर्पण की जरूरत होती है।” भाजपा अध्यक्ष ने अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत को लेकर भी भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करेगी। दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की सरकार है।

विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों की आवाज को ”दबा” रही है और ऐसे कानून लेकर आ रही है जो उन्हें स्वीकार्य नहीं। देश के बड़े हिस्से, खास कर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सीएए के आलोचक इस कानून को भेदभाव की प्रकृति वाला बता रहे हैं और उनका मानना है कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।