आज़म खान और उनकी पत्नी के साथ होगा ये, हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश

अब्दुल्ला आजम खां का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। तंजीन फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण जमानत दी जाय।

 

ज्ञात हो कि दोनों केस में जमानत के बाद भी आजम खां अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। कोर्ट ने बीती 17 सितंबर को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला अपने पास रखा था।

आजम खां व तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उनके बेटे के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बने हैं। एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है। दोनों में जन्म तिथि में काफी अंतर है।

अब्दुल्ला आजम खां पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप है। हाईकोर्ट ने इनका चुनाव निरस्त कर दिया है।

कोर्ट ने विचारण न्यायालय अलीगढ़ से कोर्ट खुलने पर तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने की उम्मीद की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने डॉ. तंजीन फातिमा, मोहम्मद आजम खां व मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां की जमानत अर्जियों को निस्तारित करते हुए दिया है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, कोर्ट ने डॉ. तंजीन फात्मा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है, जबकि आजम खां को इस केस के शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर से सांसद आजम खां की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत मंजूर कर ली। आजम खां के साथ उनकी विधायक पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को भी जमानत मिली है।