40 में छिन जाएगी उद्धव ठाकरे की कुर्सी, जानिए क्या है मामला

आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य मनोनीत किए जाने का प्रस्ताव 10 दिन से राजभवन में लंबित है, लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।

 

वहीं अब मुख्यमंत्री के पास सिर्फ 40 दिन बचे हैं। इस दौरान अगर वह विधान परिषद के लिए निर्वाचित या मनोनीत नहीं हुए, तो उनका मुख्यमंत्री पद अपने आप चला जाएगा।

वहीं अगर ऐसा हुआ, तो कोरोना संकट के इस काल में राज्य को एक अभूतपूर्व संवैधानिक और राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में सरकार का ध्यान राजभवन के फैसले पर लगा है।6 अप्रैल को राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल को भेजा था कि मौजूदा परिस्थिति में विधान परिषद के चुनाव नहीं हो सकते हैं।

कोरोना कहर के बीच महाराष्ट्र में एक सियासी संकट उभरने लगा है. आपको बता दें कि ऐसे में  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मनोनीत सदस्य के रूप में विधान परिषद भेजने के मुद्दे पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की खामोशी शिवसेना चीफ के लिए टेंशन बढ़ाने वाली है।