15 अगस्त के बाद जम्मू और कश्मीर में होगा… SC में केंद्र का जवाब, लोगो को लगेगा झटका

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जैसा कि हमने स्पष्ट कर दिया है, तत्काल इंटरनेट नहीं मुहैया कराया जा सकता है. कमेटी कि सिफारिशों को ध्यान में रखकर 15 अगस्त के‌ बाद जम्मू और कश्मीर के एक-एक जिले में इंटरनेट मुहैया कराने कि सिफारिश को अमल में लाया जाएगा और फिर दो महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. याचिकाकर्ता को इस तर्क पर गौर करना चाहिए कि यह मामला सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.

इस पर अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि अब अतिरिक्त हलफनामा दायर किया जा रहा है. विशेष समिति ने 10 अगस्त को तीसरी बैठक की. जम्मू और कश्मीर में स्थानीय एजेंसियों के साथ परामर्श किया. सीमा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विकल्प समिति का विचार है कि जम्मू-कश्मीर में खतरा अधिक बना हुआ है.

जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सर्विस (Internet Service) बहाल करने की मांग पर मंगलवार को में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि 15 अगस्त के बाद जम्मू और कश्मीर के एक-एक जिले में इंटरनेट सर्विस का ट्रायल किया जाएगा और दो महीने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी.

दरअसल पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि क्या कुछ इलाकों में 4G इंटरनेट सेवा दी जा सकती है, जहां कोई समस्या नहीं है. इस पर मंगलवार को केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर कहा कि फिलहाल सुरक्षा कारणों से जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा नहीं दी जा सकती है. उसने शांतिपूर्ण इलाकों में ट्रायल बेसिस पर 4G इंटरनेट सेवा मुहैया कराने को कहा था. इसके बावजूद केंद्र सरकार इस सुझाव पर आगे नहीं बढ़ रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि इंटरनेट प्रतिबंध से कोविड की देखभाल, शिक्षा या व्यवसाय में कोई बाधा नहीं आ ही है. वर्तमान में सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए अभी भी मोबाइल फोन के लिए 4G इंटरनेट बहाल करने के लिए समय सही नहीं है.

वहीं SG तुषार मेहता ने कहा कि इस‌ मामले पर याचिका पहले खारिज‌ हो चुकी है, लेकिन बार-बार राज्य को मजबूर किया जा रहा है कि वह याचिकाकर्ता के मुताबिक काम करे. ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि यह सुरक्षा का मामला है.