पश्चिम बंगाल में एक लाख से ज्यादा लोगों को निकाला, जानिए ये है वजह

पश्चिम बंगाल में चक्रवात ‘बुलबुल’ की स्थिति रविवार को  गंभीर होने के संभावना हैं. इस दौरान घर, सड़कें, संचार  बिजली की सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं.

गंभीर चक्रवात के असार से मछुआरों को अगले आदेश तक समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, बुलबुल चक्रवात ने 110-120 किमी प्रति घंटे की गति से बंगाल को हिट किया था. इसके बाद प्रदेश के निचले इलाकों के गावों में रहने वाले तकरीबन एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. साथ ही तूफान को लेकर लोगो म जागरूकता के लिए 55 हजार स्वयंसेवको को लगा दिया गया है|

प्रदेश में कई प्रभावित गावों में रविवार को साउथ 24 परगना जिले के 200 लोगों ने कोलकाता के सागर पाइलट स्टेशन पर शरण ली, जहां स्टेशन के स्टाफ  पाइलटों ने उन्हें खुद खाना परोसकर खिलाया.केंद्र सरकार ने राज्यों को चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाने को बोला है. केन्द्र ने बोला है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जानमाल का नुकसान न हो. ‘बुलबुल’ से तबाही के असार के चलते शनिवार शाम छह बजे से रविवार प्रातः काल छह बजे तक कोलकाता हवाई अड्डे पर विमानों का आवागमन रोक दिया गया है. इसके साथ ही रविवार को कोलकाता के बिचाली घाट पर फेरी सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है.

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम बंगाल  बांग्लादेश के तटों पर आने वाले 6 घंटों तक समुद्री स्थिति बेकार  रहेगी. इसके बाद ही तूफान की स्थिति में सुधार होने की आसार हो सकती है. मौसम विभाग ने बताया कि रविवार प्रातः काल साढ़े 5 बजे तक तूफान पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों  बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में केंद्रित रहा. इस दौरान इसकी गति निर्बल रही. विभाग ने अनुमान बताया है कि रविवार को बुलबुल तूफान पूर्व से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा  अगले 6 घंटे में निर्बल होगा. बंगाल के अतिरिक्त पूर्वोत्तर के राज्यों दक्षिणी असम, मेघालय, त्रिपुरा  मिजोरम में अगले 36 घंटों तक बुलबुल अपना प्रभाव दिखा सकता है. इस दौरान यहां भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है|