नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसी के साथ राजधानी में आचार संहिता लागू हो गई है। दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जायेंगे, 11 फरवरी को चुनाव नतीजों का ऐलान होगा। विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मुकाबला त्रिकोणीय है। एक तरफ सत्ताधारी आम आदमी पार्टी तो विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस।
सोमवार दोपहर को चुनाव आयोग ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया।
नोटिफिकेशन – 14 जनवरी, मंगलवार
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख – 21 जनवरी, मंगलवार
स्क्रूटनी – 22 जनवरी
वोटिंग – 8 फरवरी
नतीजे – 11 फरवरी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभाएं हैं। अभी की विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी, 2020 को खत्म हो रहा है। चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग, पुलिस के साथ बैठक की गई थी। वोटरों को पोलिंग बूथ पर आने के लिए पिक अप-ड्रॉप मिलेगा। इसकी जानकारी वेबसाइट पर डाल दी जायेगी और एक नंबर भी जारी किया जायेगा।
कुल सीटें – 70
58 सामान्य, 12 SC सीटें
कुल पोलिंग बूथ- 13750
स्थानों पर वोटिंग होगी – 2689
चुनाव के लिए जरूरी कर्मचारी – 90 हजार
देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव हमेशा ही दिलचस्प होता है। यहां से निकले जनादेश का संदेश पूरे देश में जाता है। दिल्ली में करीब डेढ़ करोड़ वोटर हैं जो राज्य सरकार की किस्मत का फैसला करेंगे।
कुल वोटर – 1,46,92136
पुरुष वोटर – 8055686
महिला वोटर – 6635635
थर्ड जेंडर – 815
NRI वोटर – 489
सर्विस वोटर्स – 11556
कुल पोलिंग बूथ – 13750
कुल विधानसभायें- 70
दिल्ली में पिछली बार के चुनाव नतीजे आखिर किसे याद नहीं होंगे। अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया था। आम आदमी पार्टी ने 2015 विधानसभा चुनाव में 70 में से 67, बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।
सत्ताधारी दल इस बार अपने 5 साल के काम पर आगे बढ़ रहा है। जिसमें मुफ्त बिजली-पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक को फ्रंट पर रखकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोका जा रहा है।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी–2019 मेंएक बार फिर चुनाव जीतकर आई है, ऐसे में उसे उम्मीद है कि कुछ मोदी मैजिक काम आयेगा। हाल ही में अनाधिकृत कॉलोनियों को मोदी सरकार ने पक्का करने का दावा किया है, जिसे वो जरूर भुनाना चाहेगी। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सातों लोकसभा सीटें जीती थीं। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार ना होना बीजेपी के लिए हानिकारक हो सकता है।
कांग्रेस ने 2015 के चुनाव में में खाता भी नहीं खोला था, ऐसे में इस चुनाव में उसकी कोशिश कुछ सीटें जीतनी की तो होंगी। इसके अलावा पार्टी ने कुछ लोकलुभावन वादे भी किए हैं, जिसके जरिए वह दिल्ली में खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है।