WHO ने दी ये बड़ी चेतावनी , कहा कोरोना जैसी एक और महामारी , नहीं संभले तो बर्बाद हो…

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस् खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और रोगों से लड़ने की क्षमता को खतरे में डाल रहा है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि रेजिस्टेंट के कारण स्वास्थ्य देखभाल की लागत में वृद्धि, अस्पतालों में लोगों की ज्यादा आमद, इलाज में कमी, गंभीर बीमारियां और मौतें हुई हैं.

 

रोगों से लड़ने की क्षमता को खतरे में डाल रहा है एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंसटेड्रोस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मनुष्यों और कृषि के काम से जुड़े पशुओं में भी ऐसी दवाओं के अत्यधिक उपयोग के कारण हाल के वर्षों में रेजिस्टेंस बढ़ा है.

‘एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस भले एक महामारी ना लगे लेकिन यह उतना ही खतरनाक. यह मेडिकल प्रोग्रेस की एक सदी को खत्म कर देगा. कई संक्रमणों का इलाज नहीं हो सकेगा जो आज आसानी से संभव है.’

डब्लूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रेसस ने इसे ‘हमारे समय के सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक’ बताया. एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस तब होता है जब बीमारी फैलाने वाले जीवाणु मौजूदा दवाओं के लिए इम्यून हो जाते हैं, जिसमें एंटीबायोटिक, एंटीवायरल या एंटिफंगल इलाज शामिल है, जो मामूली चोटों और आम संक्रमणों को भी घातक रूप में बदल सकता है.

WHO ने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (Antimicrobial Resistance) बढ़ना कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) की तरह ही खतरनाक है. उन्होंने कहा कि इससे एक सदी का चिकित्सकीय विकास खत्म हो सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी खतरनाक तो नहीं लेकिन उस जैसी एक विकट समस्या के मुहाने पर खड़े हैं. WHO ने चेताया है कि अगर हम संभले नहीं तो मेडिकल जगत में की गई एक सदी की मेहनत बर्बाद हो जाएगी.

WHO ने बढ़ते एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (Antimicrobial Resistance) पर चिंता जताई है. एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस वह परिस्थिति है जब किसी संक्रमण या घाव के लिए बनी दवा अपना असर काम कर दें. इसका सीधा मतलब है कि संक्रमण या घाव के लिए जिम्मेदार कीड़े उस दवा के प्रति अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर लें.