कब है आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा, जाने महत्व व पूजा विधि

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठें, स्नान आदि करके सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य मंत्र का जाप करें फिर अपने गुरु का ध्यान करें इस दिन भागवन विष्णु को जरूर पूजें, उनके अच्युत अनंत गोविंद नाम का 108 बार जाप करना न भूले आटे की पंजीरी बनाकर इसका भोग लगाएं.

ऐसा करने से परिवार का स्वास्थ्य उत्तम रहता है. संभव हो तो लक्ष्मी- नारायण मंदिर में कटा हुआ गोल नारियल अर्पित करें. ऐसा करने से बिगड़े कार्य बनेंगे. सुख-समद्धि की प्राप्ति के लिए कुमकुम घोल लें और मुख्य द्वारा और घर के मंदिर के बाएं और दायें तरफ स्वास्तिक बनाएं, फिर मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें. कुंडली में गुरु दोष है तो भगवान विष्णु की श्रद्धापूर्वक पूजा करें. इस दिन जरूरत मंदों को राशिनुसार दान करें. जिससे सभी कष्टों का नाश होगा.

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त पूर्णिमा तिथि आरंभ: 23 जुलाई 2021, शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 43 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 जुलाई 2021, शनिवार की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक

गुरु पूर्णिमा का महत्व मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान देने वाले गुरु महर्षि वेद व्यास जी के जन्म तिथि के अवसर पर गुरु पूर्णिमा पर्व को मनाया जाता है. देश में गुरु को माता-पिता से भी परम माना गया है. गुरु ही होते है जो शिष्यों को गलत मार्ग पर चलने से बचाते है. गुरु के बिना जीवन आकल्पनिय है. कुल पुराणों की संख्या 18 है, सभी के रचयिता महर्षि वेदव्यास है.

आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 24 जुलाई, शनिवार को पड़ रही है. देशभर में सनातन धर्म के लोग इसे धूमधाम से मनाते है. इसी दिन वेद व्यास का जन्म हुआ था. जानें इस बार के गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व के बारे में…