46 छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोका तो कॉलेज के मुख्य गेट पर दिया धरना, प्रशासन पर लगाए ये आरोप

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अंबेडकर नगर (Ambedkar Nagar) स्थित महामाया गवर्नमेंट एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज (Mahamaya Govt Allopathic Medical College) में 46 छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोका गया। इसके बाद छात्रों ने पहले हाईवे और फिर कॉलेज के मुख्य गेट पर धरना दिया। इन्हीं में से छह छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराया है। वहीं प्रशासन छात्रों के आरोपी की जांच कराने में जुट गया है।

जानकारी के मुताबिक अंबेडकर नगर के महामाया गवर्नमेंट एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में सोमवार को उपस्थितियां कम होने के कारण 46 छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोक दिया गया था। वहीं छात्र-छात्राओं का आरोप है कि पूर्व में कॉलेज प्रशासन की शिकायत की गई थी, जिसके बाद बदले की भावना रखते हुए कॉलेज ने उन्हें परीक्षा देने से रोका है।

सोमवार शाम को परीक्षा देने से रोके गए ये छात्र हाईवे को जाम करते हुए धरने पर बैठ गए। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। छात्रों ने कॉलेज प्राचार्य को हटाने की मांग की। वहीं प्रशासन की ओर से जाम के कारण लोगों को हो रही दिक्कतों का हवाला देते हुए उन्हें रास्ते से हटाया गया।

कॉलेज प्राचार्य ने दिया अपना बयान

हाईवे से हटने के बाद सभी छात्र कॉलेज के मुख्य गेट पर धरने देकर बैठ गए। इस माामले में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक ने बताया कि जिन छात्रों की उपस्थितियां कम हैं, उन्हीं छात्रों को सोमवार को परीक्षा देने से रोका गया था। उन्होंने बताया कि तनाव के कारण कुछ छात्रों ने खाना नहीं खाया था, इसलिए उनकी तबीयत खराब हो गई है।

जिलाधिकारी ने छात्रों से की ये आपील

जिलाधिकारी सैमुअल पॉल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल एक रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि छात्रों की ओर से पूर्व में की गई शिकायतों की भी जांच कराई जा रही है।

छात्रों ने प्रशासन को दिया ज्ञापन

मौके पर पहुंचे अंबेडकर नगर के एडीएम सदानंद गुप्ता ने बताया कि ने बताया कि महामाया गवर्नमेंट एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के लगभग 46 प्रथम वर्ष के छात्रों और प्रिंसिपल के बीच विवाद के कारण परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया था। छात्रों ने अब अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया है। ज्ञापन लिखकर दे रहे हैं। मामले की जांच कराई जाएगी।