WhatsApp पर होने जा रहा ये बड़ा बदलाव , जानिए सबसे पहले वरना हो जायेंगे परेशान

इस चैटबॉट को विकसित करने में एक साल का समय लगा। शुरुआत में रिसर्च के लिए कोविड पॉजिटिव एक्स-रे नहीं मिल रहे थे। यह सबसे बड़ी चुनौती थी। इस समस्या को दूर करने के लिए एआइ का इस्तेमाल करके एक यूनिक ट्रांसफर लर्निंग फ्रेमवर्क विकसित किया गया।

इससे चेस्ट के सामान्य एक्सरे से फेफड़ों के संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। यह सिस्टम एक्सरे देखकर तुरंत आउटपुट देता है। संक्रमित हिस्सों को फोकस कर रिपोर्ट बनाता है। यह रिपोर्ट कुछ ही मिनट में फेफड़ों व चेस्ट के अलग-अलग भागों में हुए संक्रमण के आधार पर स्कोर देती है।

एक्सरे सेतु ने पिछले 10 महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 300 से अधिक डाक्टरों की मदद की है। इस चैट बॉट से कोविड-19 सहित तपेदिक, निमोनिया और फेफड़ों से संबंधित 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगा सकता है।

एक्सरे सेतु का उपयोग एनालाग और डिजिटल एक्स-रे दोनों के लिए किया जा सकता है। मोबाइल से भेजे गए कम-रेजोल्यूशन छवियों को देखकर भी यह बीमारी बताने में सक्षम है।

कोरोना संक्रमण की जांच में आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। वहीं, रैपिड टेस्ट की विश्वसनीयता पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। टेस्ट का सही नतीजा नहीं पता चलने से ठीक से इलाज नहीं हो पाता और मरीज की हालत खराब हो जाती है।

कई बार तो जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। वहीं, सीटी स्कैन काफी महंगा पड़ता है और आम इंसान जल्दी सीटी स्कैन नहीं करा पाता। एक्सरे सेतु इन लोगों का मददगार बनेगा। व्हाट्सएप के जरिए एक्सरे रिपोर्ट भेजने के आधे घंटे में आपको संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।

आइआइटी के एनवायर्नमेंट इंजीनियरिग एंड मैनेजमेंट से एमटेक के पूर्व छात्र रहे उमाकांत सोनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस, एआइ रोबोटिक्स टेक्नोलाजी पार्क और निरामय हेल्थ के साथ मिलकर यह चैट बॉट विकसित किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया गया है। “एक्सरे सेतु” से तीन सौ डाक्टर जुड़े हैं।

IIT के एक पूर्व छात्र ने कोरोना की जांच के लिए ‘एक्सरे सेतु’ बनाया है। इसकी मदद से आप घर बैठे अपनी कोरोना रिपोर्ट पा सकते हैं। आपको अपनी एक्सरे रिपोर्ट व्हाट्सएप के जरिए 8046163838 नंबर पर भेजनी होगी और आधे घंटे के अंदर आपकी पूरी रिपोर्ट आपके सामने होगी।

इसके जरिए कोरोना सहित कुल 14 बीमारियों की जांच की जा सकती है। कोरोना रिपोर्ट देने के साथ-साथ यह चैट बॉट यह भी बताता है कि फेफड़ों में कितना संक्रमण है, वह कितना संवेदनशील है और मरीज की स्थिति कैसी है।