कोरोना को लेकर WHO ने किया ये बड़ा खुलासा , दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही…

डब्लूएचओ के अनुसार ‘प्रारंभिक साक्ष्य’ भी इशारा करते हैं कि यह वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी बामलानिवैम्ब के साथ उपचार के प्रति अधिक प्रतिरोधी था। साथ ही लैब स्टडी इस बात का भी संकेत देते हैं कि एंटीबॉडी के द्वारा भी इसे बेहद सीमित तौर पर निष्प्रभाव किया जा सकता है।

डब्लूएचओ ने कहा कि भारत में जो अप्रत्याशित रूप से कोरोना के मामलों और मौतों की संख्या में इजाफा हो रहा है यह B.1.167 के अलावा कई कारकों पर निर्भर करता है।

डब्लूएचओ ने भारत में हाल आयोजित कई धार्मिक और राजनीतिक जनसमूहों का भी जिक्र किया जिससे सामाजिक मेलजोल बढ़ और कोरोना नियमों की अनदेखी की गई।

भारत के बाहर ब्रिटेन में इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसी सप्ताह की शुरुआत में WHO ने B.1.617 को उसके म्यूटेशन और विशेषताओं के आधार पर ‘चिंता पैदा करने वाले’ बताया था। इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए वायरस के अलग-अलग वैरिएंट को लेकर भी स्वास्थ्य संगठन ऐसी बातें कह चुका है।

WHO ने कहा कि B.1.167 वैरिएंट मूल वायरस की तुलना में अधिक तेजी से फैलने वाला वायरस है। इसके कारण कई देशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है। इस वायरस के वैरिएंट में न केवल तेजी से फैलने की क्षमता है बल्कि ये ज्यादा जानलेवा और कुछ हद तक वैक्सीन से भी बचाव करने में माहिर है।

स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में पहली बार कोरोना का B.1.167 वैरिएंट भारत में पाया गया था। हालांकि, अब इसका विस्तार कई देशों में हो गया है। यह वैरिएंट अब WHO के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में 4500 से ज्यादा सैंपल में पाया गया है।

भारत में कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अहम खुलासा किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस के जिस वैरिएंट के कारण स्थिति भयावह हुई है, वह दुनिया के कई अन्य देशों में भी पाया जा रहा है।